बेंगलुरु में दिखने लगा गर्मी का प्रकोप, फरवरी की शुरुआत से ही पारा 33 डिग्री पार, सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश

बेंगलुरु में भीषण गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। फरवरी की शुरुआत से ही बढ़ते तापमान ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बेंगलुरु में आमतौर पर मध्यम जलवायु का माहौल रहता है।

बेंगलुरु। बेंगलुरु में भीषण गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। फरवरी की शुरुआत से ही बढ़ते तापमान ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बेंगलुरु में आमतौर पर मध्यम जलवायु का माहौल रहता है। हालांकि, इसके बावजूद यहां का पारा 33-34 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है, जो काफी चिंता की बात है। इस बार बेंगलुरु का तापमान पिछले साल के मुकाबले 1 डिग्री ज्यादा भी दर्ज किया गया है। DH की रिपोर्ट के अनुसार हीटवेव से उत्पन्न चुनौतियों को भांपते हुए कर्नाटक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है।

DH रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक सरकार द्वारा जारी सलाह सभी पर लागू होती है। हालांकि, सरकार के दिशा निर्देश का पालन विशेष रूप से छोटे बच्चों,गर्भवती महिलाओं,धूप में काम करने वाले मजदूर समेत हार्ट संबंधी बीमारी वाले लोग और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित लोगों को करने की सलाह दी गई है। सरकार द्वारा जारी परामर्श में लू से निपटने के लिए व्यावहारिक उपाय बताए गए हैं। 

Latest Videos

इसके मुताबिक लोगों को गर्मी से बचने के लिए एक चुटकी नमक के साथ पानी, नींबू पानी, छाछ, लस्सी और फलों के रस जैसे तरल पदार्थों का सेवन करके हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा आहार में हाई वाटर कंटेंट वाले फलों और सब्जियों को शामिल करने की सिफारिश की गई है।

अल नीनो घटना बेंगलुरु की गर्मी का कारण

द वेदर चैनल की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी में बेंगलुरु की गर्मी को अल नीनो घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो प्रशांत महासागर के गर्म होने से हुआ है। इससे आम तौर पर ठंडे सर्दियों के महीनों के दौरान भी तापमान में वृद्धि होती है। जबकि उत्तरी और मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में बारिश की वजह से राहत देखने को मिली है। बेंगलुरु सहित कर्नाटक जैसे दक्षिण प्रायद्वीपीय राज्य बारिश के मामले में लकी साबित नहीं हुए हैं, क्योंकि फरवरी में बिल्कुल भी वर्षा नहीं हुई है।

बेंगलुरु में पानी की टैंकरों की मारा-मारी

बेंगलुरु को भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है. फरवरी के शुरुआत में ही गर्मी बढ़ने की वजह से लोगों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) के अनुसार शहर के बाहरी इलाके के लोग सबसे अधिक संघर्ष कर रहे हैं, खासकर तकनीकी केंद्रों के पास जहां कावेरी नदी से पाइप से पानी की आपूर्ति नहीं है। 

घटते भूजल और सूखे बोरवेलों के कारण 2008 में शहर में जोड़े गए 110 गांवों के अपार्टमेंट परिसर, झुग्गियां और व्यवसाय सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। बेंगलुरु में अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के लोग पानी के लिए पैसे देने के लिए तैयार है। इसके बावजूद उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा है. इस पर निजी जल टैंकर सेवाओं का कहना है कि वे मांग को पूरा नहीं कर सकते हैं। इन टैंकरों से पानी की कीमत, जो लगभग 400-600 रुपये हुआ करती थी, अब 12,000 लीटर के टैंकर के लिए 800-2,000 रुपये तक पहुंच गई है।

ये भी पढ़ें: बेंगलुरु पुलिस ने रामेश्वरम कैफे बम ब्लास्ट में एक व्यक्ति को लिया हिरासत में, कड़ाई से की जा रही पूछताछ

Share this article
click me!

Latest Videos

कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
'कांग्रेस को हिंदू भावनाओं की चिंता नहीं' क्या CM Yogi के इन सवालों का मिलेगा जवाब #Shorts