दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में 31 मई को एक 64 वर्षीय महिला और उसकी बेटी की जघन्य हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। आकाशवाणी की रिटायर्ड आफिसर राजरानी लाल और उनकी बेटी गिन्नी करार (30) का शव उनके घर में सड़ी-गली हालत में मिला था।
नई दिल्ली. दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में 31 मई को एक 64 वर्षीय महिला और उसकी बेटी की जघन्य हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। आकाशवाणी की रिटायर्ड आफिसर राजरानी लाल और उनकी बेटी गिन्नी करार (30) का शव उनके घर में सड़ी-गली हालत में मिला था। पुलिस ने इस मामले में चचेरे भाइयों किशन (28) और अंकित कुमार सिंह (25) को पकड़ा है। दोनों बिहार के सीवान जिले के निवासी हैं। किशन वर्तमान में दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रह रहा था।
दिल्ली में मां-बेटी के मर्डर की मिस्ट्री में चौंकाने वाला खुलासा
एक पड़ोसी ने कृष्णा नगर के ई ब्लॉक में एक इमारत की पहली मंजिल पर एक फ्लैट से निकलने वाली गंध की शिकायत के बारे में 31 मई की रात 8 बजे पीसीआर को फोन किया था। इसके बाद एक पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया। पुलिस ने कहा कि शव अत्यधिक सड़ी-गली अवस्था में पाए गए और कीड़े लग चुके थे।
4 जून को दिल्ली पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने कहा कि आरोपियों ने 'मिशन मालामाल' के तहत हत्याओं को अंजाम दिया था, जिसका उद्देश्य जाहिर तौर पर अमीर बनना था।
दिल्ली में मां-बेटी की लूट के बाद हत्या-वेबसीरीज से क्राइम आइडिया
पुलिस की जांच में सामने आया कि अंकित कुमार सिंह एक सिंगर हैं और उनका एक म्यूजिक बैंड है। पुलिस ने कहा कि वह ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर एक आगामी फिल्म के लिए गीत-संगीत तैयार कर रहा था।
पुलिस के अनुसार, राजरानी और उनकी बेटी गिन्नी किरार के शव 31 मई को कृष्णा नगर में अत्यधिक सड़ी-गली अवस्था में और कीड़ों से पीड़ित पाए गए थे। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपराध करने से पहले कानूनी सलाह लेने के लिए दो वकीलों से संपर्क किया था।
ऐसा संदेह है कि वे वेब सीरीज से प्रभावित हुए जहां उन्होंने सीखा कि पुलिस कैसे काम करती है। हालांकि, फिलहाल कुछ भी ठोस नहीं कहा जा सकता है क्योंकि मामले की जांच की जा रही है।
दिल्ली डबल मर्डर, CCTV कैमरे और क्राइम अलर्ट
जांच के दौरान पुलिस ने घर में आने-जाने वाले दरवाजों के अलावा रास्तों में लगे 200 से अधिक CCTV कैमरों का एनालिसिस किया। आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद एक घर में घुसते देखे गए। डिप्टी पुलिस कमिश्नर (शाहदरा) रोहित मीणा ने कहा कि पुलिस ने छापा मारा और पाया कि यह मुख्य आरोपी किशन का है। हालांकि, किशन को पता चल गया था कि महिलाओं के शव मिल गए हैं, इसलिए वे भाग गए थे।
डीसीपी ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पुष्टि हुई है कि 25 मई को हत्याओं के बाद पीड़ितों और आरोपियों के मोबाइल फोन लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक ही टावर से कनेक्ट थे।
दिल्ली डबल मर्डर: WhatsApp पर लिखा था मिशन मालामाल चालू है
जब आरोपियों को पता चला कि पुलिस उनका पीछा कर रही है, तो उन्होंने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए थे। आरोपी पुलिस को चकमा देकर बिहार और फिर असम भागने की योजना बना रहे थे। लेकिन पुलिस ने बीडी एस्टेट, तिमारपुर के पास अंकित कुमार सिंह की लोकेशन का पता लगा लिया और उसे भागने से पहले ही दबोच लिया।
इसके बाद किशन की मूवमेंट लखनऊ में ट्रेस हुई थी। डीसीपी के अनुसार, वह दिल्ली आकर एक कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी कर रहा था, तभी कांटी नगर इलाके से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में पता चला कि किशन मेडिकल इक्विपमेंट की डीलिंग करने वाली फर्म में मार्केटिंग मैनेजर है। आरोपी ने ऑनलाइन ट्यूटर सर्विस प्रोवाइड एक वेबसाइट में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। इसी के जरिये वो राजरानी के संपर्क में आया, जिसे अपनी विकलांग बेटी गिन्नी किरार के लिए कंप्यूटर ट्यूटर की जरूरत थी।
किशन ने ट्यूशन के लिए अप्रैल से राजरानी के घर जाना शुरू किया और धीरे-धीरे महिलाओं का विश्वास हासिल किया। मां-बेटी इस इलाके से शिफ्ट होना चाहती थीं। आरोपियों ने लाजपत नगर में एक घर खोजने में उनकी मदद की। आरोपियों ने उसके साथ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए एकाउंट डिटेल शेयर की। इसी दौरान आरोपियों ने देखा कि राजरानी के बैंक खाते में 50 लाख रुपये से अधिक थे। डीसीपी ने कहा कि इसके बाद आरोपियों ने उन्हें मारकर पैसे लूटने की योजना बनाई।
पुलिस ने कहा कि शुरू में आरोपियों ने पीड़ितों के बैंक खातों से कुछ अन्य खातों में पैसे ट्रांसफर करने की कोशिश की, लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे। उन खातों में नेट बैंकिंग और एटीएम सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद, उन्होंने पीड़ित को लूटने की योजना बनाई और 17 मई को व्हाट्सएप पर अपनी साजिश को मिशन मालामाल नाम दिया।
दिल्ली में मां-बेटी की हत्या-क्राइम की प्लानिंग
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि 'मिशन मालामाल' को अंजाम देने के लिए आरोपी अंकित कुमार सिंह असम से दिल्ली आया। वह घटना से एक दिन पहले अपनी बहन की शादी में शामिल हुआ था। फिर इलाके का मुआयना किया और लक्ष्मी नगर से चाकू खरीदे।
किशन ने ही ट्यूटर के बहाने अंकित सिंह को राजरानी से मिलवाया था। जब राजरानी ने हां कर दी, तब किशन ने अंकित कुमार सिंह को संदेश भेजा कि मिशन मलामाल चालू है।
पीड़ितों ने अपने घर में एक वीडियो स्क्रीन सिस्टम लगा रखा था, ताकि उनकी अनुमति के बिना कोई भी घर में एंटर न हो सके। घटना वाले दिन रात करीब 9.50 बजे आरोपी की घर में फ्रेंडली एंट्री हुई, क्योंकि राजरानी ने खुद उन्हें अंदर बुलाया था। आरोपियों में से एक ने गिन्नी से पानी मांगा और जैसे ही वह रसोई के अंदर गई, उन्होंने चाकू से राजरानी का गला काट दिया और फिर गिन्नी पर भी इसी तरह से हमला किया।
सबूत मिटाने के लिए आरोपी ने घर में बिखरे खून के धब्बे को साफ किया। उन्होंने घर में तोड़फोड़ की और कीमती सामान लेकर फरार हो गए, जिसमें एक मूर्ति भी शामिल थी। उन्हें लगा था कि ये सोने की होगी। अंकित कुमार सिंह ने घर से निकलने से पहले खून के धब्बे वाली अपनी टी-शर्ट बदली। फिर दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और रात करीब 11 बजकर 10 मिनट पर फरार हो गए।
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