गुजरात में पेपर लीक करने वालों की अब खैर नहीं, दस साल की सजा और एक करोड़ जुर्माना

Published : Feb 24, 2023, 10:37 AM ISTUpdated : Feb 24, 2023, 10:41 AM IST
paper leak

सार

गुजरात में अब पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं है। पेपर लीक करने के आरोपियों को इसका भारी दंड भुगतना हागा। इस सिलसिले में गुजरात विधानसभा में गुरुवार को सर्वसम्मति से पास बिल में आरोपियों को दस साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

गांधीनगर। गुजरात में अब पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं है। पेपर लीक करने के आरोपियों को इसका भारी दंड भुगतना हागा। इस सिलसिले में गुजरात विधानसभा में गुरुवार को सर्वसम्मति से पास बिल में आरोपियों को दस साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही उनसे कम से कम दस लाख रुपये जुर्माने के तौर पर भी वसूला जाएगा। जुर्माने की राशि एक करोड़ रुपये तक बढाई जा सकती है।

पेपर लीक की घटनाओं पर अंकुश को कड़े प्रावधान

अक्सर देखा जाता है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती परीक्षाओं से ऐन पहले ही पेपर लीक हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार की खूब फजीहत भी होती है। परिश्रमी अभ्यर्थियों को भी निराशा होती है। इसको देखते हुए पेपर लीक करने के आरोपियों के खिलाफ गुजरात में कड़े प्रावधान बनाए गए हैं ताकि पेपर लीक की घटनाओं पर अंकुश लग सके।

विधानसभा से पास हुआ बिल

गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने विधानसभा में गुजरात सरकारी परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2023 पेश किया। विधेयक को सदन से पारित कराया गया है। विपक्षी दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विधायक भी विधेयक के समर्थन में थे। बिल का मकसद पेपर लीक करने पर अंकुश लगाना है। उन साधनों पर भी रोक लगाना है, जिससे यदि कोई अनाधिकृत तरीके से पेपर प्राप्त करता है। इसमें पेपर लीक करने के प्रयास के साथ पेपर को अनाधिकृत तरीके से हल करना भी शामिल है।

नकल करते पकड़े गए तो भी सजा

बिल के मुताबिक यदि कोई परीक्षार्थी अनुचित साधनों का इस्तेमाल करता है तो उसके लिए तीन वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। आरोपी को कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। निरीक्षण दल के किसी सदस्य या किसी को काम करने के दौरान, काम में बाधा उत्पन्न करता है तो उसके लिए भी एक लाख जुर्माना व तीन साल की सजा का प्रावधान है। इतना ही नहीं यदि परीक्षार्थी सहित कोई भी अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है या अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसे पांच साल के कारावास की सजा दी जाएगी। यह सजा दस साल तक बढ सकती है।

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