म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में रविवार को पुलिस कर्मियों और KIA के संदिग्ध सदस्यों के बीच मुठभेड़ हुई। हेंगलेप सब-डिवीजन के सोंगफू गांव के पास हुई गोलीबारी में कोलचुंग का रहने वाला एक नागरिक घायल हो गया।
इंफाल. म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में रविवार को पुलिस कर्मियों और कुकी इंडिपेंडेंट आर्मी (KIA) के संदिग्ध सदस्यों के बीच मुठभेड़ हुई। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि हेंगलेप सब-डिवीजन के सोंगफू गांव के पास हुई गोलीबारी में कोलचुंग का रहने वाला एक नागरिक घायल हो गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से चार बंदूकें बरामद की हैं और आगे की कार्रवाई के लिए अतिरिक्त बलों को भेजा गया है।
मणिपुर में भाजपा सरकार उग्रवाद के खिलाफ कड़े एक्शन अपना रही है। 11 मार्च को भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कुकी नेशनल आर्मी (KNA) और ज़ोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी (ZRA) के साथ सीजफायर समझौते से हटने का फैसला किया था। यह कदम उन आरोपों के बाद आया है कि ये उग्रवादी समूह राज्य सरकार के खिलाफ ग्रामीणों को भड़का रहे थे। दरअसल, सरकार ने संरक्षित जंगलों में, विशेष रूप से म्यांमार के साथ मणिपुर की सीमा पर अवैध अफीम की खेती पर कार्रवाई की थरी। पोस्ता या अफीम का उपयोग हेरोइन जैसी प्रतिबंधित दवाओं के उत्पादन के लिए किया जाता है।
KNA और ZRA उन 25 उग्रवादी संगठनों में शामिल हैं, जो दो छत्र समूहों - यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) के अंतर्गत आते हैं - जिन्होंने 2008 में केंद्र और राज्य सरकार के साथ ऑपरेशन के निलंबन (SoO) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते से निकलने के निर्णय के कुछ दिनों बाद राज्य के चुराचंदपुर जिले में ओवरग्राउंड विद्रोहियों के एक नामित शिविर से हथियारों और गोला-बारूद की एक बड़ी खेप लूट ली गई थी।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने यह पता लगाने के लिए एक विशेष जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था कि कहीं घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि सुरक्षा बलों ने संदिग्ध कुकी इंडिपेंडेंस आर्मी (केआईए) कैडरों द्वारा लूटे गए हथियारों को वापस लेने के लिए एक तलाशी अभियान भी शुरू किया है।
पुलिस के अनुसार, केआईए के संदिग्ध उग्रवादियों ने चुराचांदपुर में होरेप नामित शिविर पर 8 अप्रैल की आधी रात को हमला किया। उन्होंने शस्त्रागार की रखवाली करने वाले विद्रोहियों पर काबू पा लिया और लगभग दो दर्जन हथियार और विस्फोटक लूट लिए।
सीएम ने कहा कि शिविर की रखवाली की जिम्मेदारी उग्रवादी समूहों के पास है, जिन्होंने सरकार के साथ एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
जांच पैनल KIA और SoO उग्रवादी समूहों के बीच किसी संभावित मिलीभगत की भी जांच करेगा। यह घटना मणिपुर पुलिस द्वारा स्वयंभू केआईए कमांडर-इन-चीफ थंगखोंगम हाओकिप की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा करने के बाद हुई थी। विद्रोही नेता अपहरण, जबरन वसूली और बमबारी के मामलों में कथित भूमिका के लिए वांटेड है।
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