गुजरात के जूनागढ़ में अवैध मजार तोड़ने की कार्रवाई के दौरान उपद्रवियों ने किया पथराव, गाड़ियां फूंकीं, एक की मौत, जानिए क्या हुआ था?

गुजरात के जूनागढ़ में एक अवैध मजार को हटाने की कार्रवाई के दौरान उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया। बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और उपद्रव किया। उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी पर हमला किया। गाड़ियों को आग लगा दी। 

जूनागढ़. गुजरात के जूनागढ़ में एक अवैध मजार को हटाने की कार्रवाई के दौरान उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया। बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और उपद्रव किया। उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी पर हमला किया। गाड़ियों को आग लगा दी। पथराव में डिप्टी SP सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उपद्रवियों को खदेड़ने पुलिस को लाठी भांजनी पड़ीं। प्रशासन ने दरगाह को हटाने नोटिस दिया था। शुक्रवार(16 जून) को इसे हटान की कार्रवाई होनी थी।

हिंसा में एक व्यक्ति की मौत की खबर है। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि मौत की वजह क्या है? अब तक 174 लोगों को हिरासत में लिया गया है। SP रवि तेजा वासमसेट्टी ने मीडिया को बताया कि नोटिस के खिलाफ 500 से 600 उपद्रवी जमा हो गए थे। पुलिस की समझाइश के बावजूद रात करीब 10.15 बजे उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया।

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गुजरात के जूनागढ़ में अवैध मजार का अतिक्रमण हटाने पर बवाल, पथराव

पुलिस के मुताबिक, अवैध दरगाह को बचाने सैकड़ों मुस्लिम इकट्ठा हुए और पथराव किया। भीड़ को खदेड़ने पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। लाठी चार्ज भी किया। इलाके में तनाव है। यहां बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात करना पड़ा है। यह अवैध दरगाह जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में बनी है। यह मजार मजेवाड़ी दरवाजे के ठीक सामने है। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हैं, जिनमें 1990 में यहां कोई मजार नहीं दिख रही है। यह तस्वीर twitter पर शेयर की जा रही है।

जूनागढ़ अवैध मजार को बचाने उपद्रव

पुलिस के मुताबिक, शाम 7 बजे से लोग मजार के पास इकठ्ठा होना शुरू हो गए थे। किसी ने उन्हें उकसाया, तो भीड़ 600 तक पहुंच गई। उन्होंने मजार के चारों ओर घेरा बना लिया। जब पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की, तो उन्होंने पथराव कर दिया। आशंका है कि वे पहले से ही उपद्रव की तैयारी से आए थे। उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए पुलिस छापामार कार्रवाई कर रही है।

अवैध मजार को हटाने के लिए महानगर पालिका की ओर से सीनियर टाउन प्लानर ने नोटिस जारी किया था। इसमें 5 दिन के अंदर धार्मिक स्थल की कानूनी कागजात मांगे गए थे। ऐसा न करने पर उसे तोड़ने का आदेश था। इसे गिराने का खर्चा भी अवैध मजार बनाने वालों से वसूला जाना है। दरगाह पर नोटिस लगाने महानगर पालिका के अधिकारी पहुंचे थे। इसे पढ़ते ही आसामाजिक तत्व इकट्ठा होकर लोगों को भड़काने लगे।

 

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