इंसानियत की मिसाल पेश करने वााले वीडियो को क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने अपने ट्विटर अकाउंट शेयर किया है। अब तक इस वीडियो को करीब 20 लाख व्यूज़ मिल चुके हैं। वहीं30 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स हैं। कैसे एक इंसान जान जोखिम में डाल बच्चे को बचा लेता है।
दिल्ली. भागमभाग वाली जिंदगी में अभी इंसानियत बाकी है, कुछ ऐसे इंसान भी हैं जो अपना सबकुछ दूसरों के लिए दांव पर लगा देते हैं। ऐसे लोग जो दूसरी की जिंदगी बचाते हैं उन्हें देवदूत कहते हैं। सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जहां एक बच्चा रेल की पटरियों पर जा गिरा और सामने से आ रही थी। लेकिन तभी एक शख्स ईश्वर के रुप में आया और अपनी जान पर खेलकर बच्चे को बचा लिया। इस खूबसूरत पल और शानदार वीडियो को देखने के बाद लोग कह रहे हैं कि ''राखे साइयां मार सके न कोय, जिसकी रक्षा खुद ऊपरवाला कर रहा हो उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।
20 लाख लाइक्स और हजारों कमेंट्स वीडियो को मिले
दरअसलस इंसानियत की मिसाल पेश करने वााले इस वीडियो को भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने अपने ट्विटर अकाउंट शेयर किया है। अब तक इस वीडियो को करीब इस लाख व्यूज़ मिल चुके हैं। वहीं इस वीडियो को 30 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं।. वायरल हो रहे इस वीडियो पर कई लोगों के शानदार कमेंट्स भी आ रहे हैं। एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा-बहुत ही सुंदर वीडियो है, उस इंसान को सलाम करता हूं जिसने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर इस मासूम को मौत के मुंह से बचा लिया।
क्रिकेटर ने बचाने वाले शख्स के लिए लिखे शानदार शब्द
वीवीएस लक्ष्मण ने वीडियो शेयर कर लिखा-अपनी जान जोखिम में डालकर नेत्रहीन मां के 6 साल के बच्चे की जान बचाने वाले मयूर शेल्के को कोटि-कोटि नमन।रेलवे ने मयूर के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की, और उन्होंने इसका आधा हिस्सा बच्चे की शिक्षा के लिए दान कर दिया। मयूर के मूल्यों पर गर्व है। वहीं एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा-इससे अच्छा उदाहरण और नहीं मिल सकता है। मयूर एक अच्छा इंसान है।
ऐसे नेत्रहीन मां का बच्चा पटरियों पर जा गिरा
बता दें कि यह वायरल वीडियो किस रेलवे स्टेशन का है इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक, एक नेत्रहीन अपने बच्चे का हाथ थामे रेलवे प्लेटफार्म पर जाती दिखी, वो कुछ दूर आगे बढ़ती, लेकिन इस बीच उसका बच्चा हाथ छोड़कर पटरियों की तरफ जाने लगा। देखते ही देखते मासूम पटरियों पर गिर जाता है। चिल्लाते रही, लेकिन मदद को कुछ नहीं कर पा रही थी क्योंकि वो नेत्रहीन थी। इस मौत के पल में जैसे ही महिला की चीख की आवाज एक रेलकर्मी मयूर ने सुनी तो वह दौड़ते हुए आया और अपनी जान की परवाह किए रेलवे ट्रैक पर छलांग लगा दी। जबकि सामने से एक ट्रेन आ रही थी, फिर भी उसने जान की बाजी दांव पर लगा दी। फिर मयूर ने मासूम को बचा लिया।