सार

मथुरा की महिला कांस्टेबल सोना ने ट्रेन में सूझबूझ और निजी अनुभव का इस्तेमाल करते हुए नवजात की जान बचाई। महिला द्वारा ट्रेन के शौचालय में शिशु को जन्म देने के बाद महिला कांस्टेबल वहां पहुंची और उन्होंने यह कार्य किया।

लखनऊ: ट्रेन के शौचालय में महिला के द्वारा बच्चे को जन्म दिए जाने का मामला सामने आया। बच्चे को जन्म देने के बाद तड़प रही मां की मदद न सिर्फ आरपीएफ सिपाही ने की बल्कि मां और बच्चे दोनों को सूझबूझ से बचा भी लिया। सिपाही की बहादुरी की जमकर सराहना की जा रही है।

निजी क्लिनिक में काम कर चुकी है महिला कांस्टेबल

आपको बता दें कि 26 वर्षीय आरपीएफ कांस्टेबल के द्वारा ट्रेन के शौचालय में तकरीबन आधे घंटे से पड़ी मां और नवजात को बचाया। उसके इस काम में निजी क्लीनिक का अनुभव इस्तेमाल किया गया। आरपीएफ कांस्टेबल कुमारी सोना मथुरा जनपद की हैं और पहले वह निजी क्लिनिक में काम करती थीं। घटना मंगलवार की शाम को सामने आई जब राउरकेला, ओडिशा की ओर जाने वाली ट्रेन के शौचालय में महिला ने बच्चे को जन्म दिया। शिशु सांस नहीं ले रहा था। हालांकि आरपीएफ कांस्टेबल की दखल के बाद शिशु की सांस चलने लगी। बाद में राउरकेल जंक्शन की मेडिकल टीम ने महिला और बच्चे को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। वहीं महिला की पहचान 24 वर्षीय लक्ष्मी गोदरा के रूप में हुई। नवजात की हालत भी स्थिर बताई जा रही है।

ट्रेन में सफर के दौरान महिला को हुई थी प्रसव पीड़ा

अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्मी अपने पति बहादुर गोदरा और बहनोई के साथ नांदेड़ संतरागाछी सुपरफास्ट एक्सप्रेस से नांदेड़ महाराष्ट्र के हजूर साहिब से टाटानगर झारखंड के लिए यात्रा कर रही थीं। इसी बीच उन्हें शौचालय में प्रसव पीड़ा हुई और उन्होंने वहीं पर नवजात को जन्म दिया। महिला शौचालय के अंदर ही थी। जैसे ही ट्रेन राउरकेल जंक्शन पर पहुंची तो उसका पति प्लेटफार्म से कूद गया और मदद के लिए चिल्लाया। आरपीएफ कांस्टेबल सोना ने बताया कि उन्होंने निजी क्लीनिक का अनुभव इस्तेमाल करते हुए महिला और नवजात की जान बचाई। इस घटना के बाद सभी सोना की की जमकर सराहना कर रहे हैं। 

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