झारखंड में दो बड़ी चुनौती, उग्रवाद और बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या

Published : Sep 11, 2024, 03:01 PM ISTUpdated : Sep 11, 2024, 03:58 PM IST
CM Hemant

सार

झारखंड दो गंभीर मुद्दों से जूझ रहा है। एक तो बढ़ता उग्रवाद और दूसरा अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की आमद। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शासन में राज्य को इन दोनों समस्याओं को प्रतिबंधित करने के लिए किए जा रहे उपायों को लेकर चिंता का सामना करना पड़ रहा है।

रांची। प्रदेश में उग्रवाद और अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ बढ़ती जा रही है। राज्य के लोगों को इस समय इन दो गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य को इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से खत्म करने की क्षमता पर बढ़ रही चिंता का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि दिल्ली पुलिस, झारखंड एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों के हाल में किए गए ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान प्रदेश में एक अल कायदा मॉड्यूल को नष्ट कर दिया गया। इस ऑपरेशन में भारत की खिलाफत स्थापित करनी की साजिश का भी राज फाश कर दिया है।  

एक डॉक्टर और मदरसा शिक्षक समेत 12 गिरफ्तार
ज्वाइंट ऑपरेशन में एक डॉक्टर, मदरसा शिक्षक समेत 12 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इस मामले में प्रदेश के डॉ. इश्तियाक अहमद को मास्टर माइंड माना जा रहा है। इस डॉक्टर के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हुए हैं। इसने कथित तौर पर रांची के चान्हो में एक मदरसा शिक्षक मुफ्ती रहमतुल्लाह माझिरी के जरिए संगठन में स्थानीय युवाओं की भर्ती की थी।गिरफ्तारी में ये बात चिंताजनक है कि इस आतंकी संगठन में डॉ. अहमद जैसे शिक्षित व्यक्ति शामिल था जबकि अन्य गिरफ्तार लोग आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आए थे और कम सैलरी वाली नौकरियां कर गुजारा कर रहे थे।

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ बड़ा मुद्दा
उग्रवाद के पैरलल ही प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या भी अब काफी बढ़ गई है। प्रदेश में विशेष रूप से पाकुड़ सहित संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ की परेशानी अधिक है। 2011 की जनगणना में पाकुड़ में 28% जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि हाल के मतदाता सत्यापन से मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में 65% की आश्चर्यजनक वृद्धि का पता चला है। यह आंकड़ा जनसांख्यिकीय और चुनावी गतिशीलता को प्रभावित करने वाला  है।

पढ़ें. चंपाई सोरेन का आरोप: बांग्लादेशी घुसपैठ के लिए हेमंत सरकार जिम्मेदार

पाकुड़ जिला प्रशासन की ओर से किए जा रहे सत्यापन के कार्य की आलोचना भी की गई है। तीन दिनों में  ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसमें विस्तृत दस्तावेज की समीक्षा और निरीक्षण के बिना आधार के साथ मतदाता कार्ड का केवल एक बुनियादी मिलान शामिल था। इसमें आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र सहित दस्तावेजों के निर्माण जैसे मुद्दों को संबोधित नहीं करने पर इस अभियान की आलोचना की गई है।

हेमंत सरकार पर भी लगे आरोप
आलोचकों ने हेमंत सोरेन सरकार पर भी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के प्रति उदार होने का आरोप लगाया है।झामुमो कांग्रेस गठबंधन राजनीतिक लाब के लिए इस घुसपैठ को नजरअंदाज कर मौन समर्थन देने का आरोप लगाता है।  

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