ये हैं झारखंड की वुमेन टॉयलेट मेकर्स, ऐसी 50000 राजमिस्त्रियों ने World Bank को भी चकित किया
'जहां चाह-वहां राह!' आमतौर पर राजमिस्त्री का काम पुरुष ही संभालते रहे हैं, लेकिन झारखंड ने इस मिथक को तोड़ दिया है। झारखंड में इस समय 50000 स्किल्ड वुमेन टॉयलेट मेकर्स यानी राजमिस्त्री हैं।
Amitabh Budholiya | Published : Apr 20, 2023 6:28 AM IST / Updated: Apr 20 2023, 12:01 PM IST
रांची. 'जहां चाह-वहां राह!' आमतौर पर राजमिस्त्री का काम पुरुष ही संभालते रहे हैं, लेकिन झारखंड ने इस मिथक को तोड़ दिया है। झारखंड में इस समय 50000 स्किल्ड वुमेन टॉयलेट मेकर्स यानी राजमिस्त्री हैं। वर्ल्ड बैंक ने इन महिला राजमिस्त्रियों को टॉयलेट कंस्ट्रक्शन की ट्रेनिंग देकर ट्रेंड किया। ये हैं 2 बच्चों की मां 36 साल की निशात जहां। ये भी स्किल्ड टॉयलेट मेकर हैं।
निशात जहां की तरह उनकी सहेली उषा रानी भी झारखंड के हजारीबाग के सिलबर खुर्द गांव में टॉयलेट बनाते देखी जा सकती हैं।
40 वर्षीय उर्मिला देवी भी निशात जहां और उषा रानी की तरह ऐसी ही सशक्त महिला हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है कि उर्मिला देवी अब तक 1000 से ज्यादा शौचालय बनवा चुकी हैं। उर्मिला टॉयलेट निर्माण के लिए राजमिस्त्री का काम करने बिहार के चंपारण तक गई थीं।
एक अन्य राजमिस्त्री पूनम देवी ने पिछले साल अब तक 900 शौचालयों का निर्माण किया है। इन राजमिस्त्रियों को 'रानी मिस्त्री-the Queen worker' नाम दिया गया है।
झारखंड उन राज्यों में है, जहां स्वच्छ भारत अभियान योजना के लिए वर्ल्ड बैंक से टेक्निकल मदद मिल रही है। हालांकि पहले पुरुष समाज महिलाओं के ऐसा काम करने के खिलाफ थे। लेकिन अब खुश हैं। क्योंकि वे उनकी कमाई अन्य दिहाड़ी अकुशल मजदूरों से दोगुनी है।
क्रेडिट-awazthevoice/ Images Courtesy World Bank report