भोपाल सुसाइड केस: हाइवे पर बेटे-बहू और पोतों के शव रख बिलखते रहे बजुर्ग माता-पिता, बारिश हुई फिर भी नहीं उठे

भोपाल में रहने वाले एक परिवार ने गुरुवार तड़के सुसाइड कर लिया। भूपेंद्र इंश्योरेंस कंपनी में जॉब करता था। उसने एक लोन एप से कर्ज लिया था। जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। उस पर कर्ज बढ़ता गया और वो डिप्रेशन में चला गया। इसी कारण से उसने यह कदम उठा लिया।

 

Arvind Raghuwanshi | Published : Jul 14, 2023 8:17 AM IST

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कैसे एक लोन एप में पूरा परिवार तबाह

भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार सुबह सामने आए एक सामूहिक सुसाइड मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। कैसे एक हंसते-खेलते परिवार ने लोन ऐप के झांसे में फंसकर आत्महत्या कर ली। मृतक इतना बेबस हो गया था कि उसने अपने साथ मासूम बच्चों को भी मार डाला। पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर खिलाकर खुद फांसी लगा ली। अब दूसरे दिन जब मृतक परिवार के शव पैृतक गांव पहुंचे तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। वहीं बुजुर्ग माता-पिता का तो रो-रोकर बुरा हाल है।

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रीवा में बेटे-बहू और पोतों के शव रखकर चक्काजाम

दरअसल, मृतक भोपाल में रह रहे भूपेंद्र विश्वकर्मा, उनकी पत्नी रितु और दोनों बेटों ऋषिराज और ऋतुराज के शव शुक्रवार सुबह रीवा जिले के अंबा गांव लाए गए। एक तरफ परिवार के अन्य सदस्यों के आंसू रुकने के नाम नहीं ले रहे थे, वहीं वो लोग एक साथ घर के चार लगोों को खोने से आक्रोशित भी हैं। उन्होंने इस सामूहिक सुसाइड मामले पर कई सवाल उठाए हैं। साथ ही ग्रामीणों के साथ चारों शवों को जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया।

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हाइवे पर रखे शव तो पांच किलोमीटर तक लग गया जाम

मृतक परिवार के पजिरनों के शवों को हाइवे पर रखने के कारण करीब पांच किलोमीटर तक जाम लग गया। प्रशसान ने उनको उठाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। मौके पर जिले के कलेक्टर और तमाम आला अफसर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले की जांच नहीं हो जाती वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

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एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग

बीच सड़क र शव रखकर चक्काजाम कर रहे लोगों की मांग थी कि सरकार पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा दे, साथ ही घर के किसी एक मेंबर को सरकारी नौकरी। इसके अलावा इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। भोपाल और रीवा पुलिस की काफी समझाइश और आश्वासन के बाद वह प्रदर्शन खत्म करने पर तैयार हुए। बता दें कि 

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'पिता बोले-फांसी लगती तो जीभ-आंख बाहर निकल आती'

बता दें कि मृतक परिवार भोपाल के रातीबड़ में रहता था। भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) ने पहले दोनों बच्चों को ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को मारने के लिए उन्हें जहर पिला दिया। इसके बाद पत्नी रितु (35) के साथ फांसी का फंदा लगा लिया। लेकिन अब भूपेंद्र के पिता शिवनारायण विश्वकर्मा का कहना है कि हमारे बेटे-बहू सुसाइड नहीं कर सकते हैं। उनका तो किसी ने मर्डर किया गया है। अगर वह फांसी लगाते तो जीभ और आंख बाहर निकल आती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जहर खाने के बाद पोतों को उल्टी भी नहीं हुई। इसकी जांच होनी चाहिए।

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