दो लड़कियों ने एक साथ रचाया शिव से विवाह, अब जीवनभर नहीं करेगी इंसान से शादी

जहां आज के समय में हर लड़की अपने पसंद के लड़के से ​शादी रचाकर आराम की जिदंगी जीना पसंद करती है। वहीं  दो लड़कियों ने एक साथ शिव से विवाह रचाकर अपना जीवन परमात्मा को समर्पित कर दिया है।  इनमें से एक लड़की बीबीए तो दूसरी 12 वीं पास है। 

 

भोपाल. राजधानी भोपाल के होशंगाबाद रोड पर स्थित एक होटल में इस अलौकिक विवाह समारोह का आयोजन हुआ। वैसे तो यहां कई शादियां होती है। लेकिन इस शादी को देखकर हर कोई हैरान था। क्योंकि यहां दूल्हे के रूप में कोई इंसान नहीं ​बल्कि स्वयं ​शिव नजर आ रहे थे। दोनों बहनों ने भगवान शिव से विवाह रचाने के साथ ही संकल्प लिया कि वे अब जीवन में किसी इंसान से शादी नहीं रचाएगी। अच्छी बात यह है कि दोनों लड़कियों के इस फैसले से उनके घरवाले भी खुश नजर आ रहे थे। दोनों ने एक साथ दूल्हे के रूप में विराजित सफेद रंग के शिव को माला पहनाकर अपना जीवन उन्हीं के नाम कर दिया।

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दुल्हन की तरह सजी दोनों बहनें, धूमधाम से निकली बारात

इस अलौकिक विवाह समारोह से पहले दोनों बहनें दुल्हन की तरह सजीं, बैंड बाजों के साथ उनकी बारात निकली, दोनों बहनें रथ पर सवार होकर चल रही थी,  बैंड बाजों पर शिव के भजन चल रहे थे। बारात ब्रहृमाकुमारीज ब्लेसिंग हाउस से चलकर होशंगाबाद रोड पर स्थित वृंदावन गार्डन पहुंची, जहां पर दोनों बहनों ने परमात्मा शिव को अपना सबकुछ मानकर अपना जीवन समर्पित कर दिया। इस अवसर पर माउंट आबू सहित अन्य शहरों से आई ब्रहृमाकुमारीज संस्थान की बहनें उपस्थित रहीं।

 

बीबीए और 12वीं पास है दोनों बहनें

जिन बहनों ने परमात्मा शिव से विवाह रचाया है। उनका नाम कुंती लोधी और आरती साहू है। इस अवसर पर दोनों बहनों के माता पिता और अन्य रिश्तेदार भी मौजूद थे, जिनके चेहरे पर खुशी नजर आ रही थी। दोनों बहनों और उनके परिजनों ने कहा कि हमारा जीवन धन्य हो गया है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां जिस संयम के पथ पर चलने के लिए अग्रसर हुई है वह हमारे लिए खुशी की बात है।

4.5 किलोमीटर तक निकली बारात

राजधानी में आयोजित हुआ यह समारोह चर्चा का विषय रहा। यह विवाह समारोह पूरे रीति रिवाज के साथ हुआ। दोनों बहनों की ये बारात करीब 4.5 किलोमीटर तक निकली। जिसमें करीब ढ़ाई से तीन घंटे का समय लगा। ये दोनों बहनें कई सालों से ब्रहृमाकुमारी ईश्वरीय संस्थान से जुड़ी हैं। उन्होंने अब परमात्मा शिव से विवाह रचाकर अपना जीवन भी भक्ति और समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है।

 

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