मध्यप्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मतदाताओं को वीवीपैट पर्चियां सौंपने की मांग की है। उन्होंने प्रति 10 बॉक्स की गिनती की मांग की है।
भोपाल। चुनाव में पारदर्शिता को लेकर नेता से लेकर जनता तक चिंतित है। ऐसे में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को राज्य चुनावों के दौरान मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए भारतीय चुनाव आयोग से गुहार लगाई है। राज्य में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से होने वाली संभावित छेड़छाड़ का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह ने ईवीएम के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने मतदाताओं को वीवीपैट पर्चियां देने की मांग की है।
वीवीपीएटी की पर्ची वोटरों को सौंपी जाए
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की ओर से दिए गए प्रस्ताव में वोटरों को अलग से वीवीपीएटी पर्चियां सौंपना शामिल है। वीवीपीएटी पर्चियों को बाद में एक अलग मतपेटी में रखेंगे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि गिनती की प्रक्रिया में ऐसी दस मतपेटियों के वोट शामिल होने चाहिए और नतीजों की तुलना केंद्रीय गिनती इकाई से की जाएगी। परिणाम मेल खाने पर ही चुनाव आयोग नतीजे घोषित करेगा।
दिग्विजय की सुप्रीम कोर्ट से अपील
दिग्विजय सिंह ने तर्क दिया है कि इससे चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा और यह ईवीएम में होने वाली छेड़छाड़ के खिलाफ मजबूत तंत्र के रूप में काम करेगी। एक्स यानी पूर्व में ट्टिवर पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग से अपील करने के साथ देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले पर गंभीरता से विचार करने के लिए कहा है।
भाजपा ने साधा निशाना
इस दौरान भाजपा के राज्य सचिव रजनीश अग्रवाल ने भी दिग्विजय सिंह के पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब ये लोग चुनाव में हार का सामना करने लगते हैं तो अक्सर पहले ईवीएम में गड़बड़ी होने की बात करते हैं।