
देवास (मध्य प्रदेश)। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने वाली जिउ-जित्सु खिलाड़ी रोहिणी कलाम की मौत ने पूरे खेल जगत को झकझोर दिया है। रविवार को रोहिणी का शव उनके ही घर में फांसी के फंदे पर लटका मिला। प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का बताया जा रहा है, लेकिन परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें स्कूल प्रशासन की ओर से मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था।
पुलिस के अनुसार, घटना के समय घर पर रोहिणी के पिता, मां और बहन सभी बाहर थे। पिता बैंक नोट प्रेस से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। जब बहन रोशनी घर लौटी, तो उसने रोहिणी को कमरे में फांसी पर लटका पाया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। फिलहाल कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
रोहिणी कलाम ने अबू धाबी में आयोजित 8वें एशियन जिउ-जित्सु चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को गौरवान्वित किया था। वह न केवल एक खिलाड़ी थीं बल्कि स्कूल में मार्शल आर्ट्स कोच के रूप में भी काम कर रही थीं। पुलिस जांच में पता चला है कि वह पिछले कुछ समय से काम से जुड़ी मानसिक तनाव में थीं।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, रोहिणी की बहन रोशनी ने बताया कि उसकी बहन हाल ही में अष्टा (मप्र) स्थित अपने स्कूल से कुछ दिनों की छुट्टी लेकर देवास आई थी।
“वह पिछले कुछ दिनों से परेशान थी। उसने बताया था कि स्कूल के फैकल्टी और प्रिंसिपल उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। फोन पर उसकी आवाज़ से साफ लग रहा था कि वह गहरे तनाव में है,” — रोशनी ने कहा।
रविवार की सुबह रोहिणी ने हमेशा की तरह चाय और नाश्ता किया, फिर किसी से फोन पर बात की और कमरे में चली गई। इसके बाद जब परिवार के सदस्य मंदिर गए हुए थे, उस दौरान उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।
रोहिणी के पिता ने बताया कि उनकी बेटी का सपना IPS अधिकारी बनने का था। साथ ही वह पिछले दो वर्षों से विक्रम अवॉर्ड पाने की दिशा में मेहनत कर रही थी। लेकिन काम का दबाव, शादी के प्रस्तावों को ठुकराने से होने वाला सामाजिक तनाव और हाल की सर्जरी के बाद की शारीरिक परेशानी ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया था।
फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि “प्रारंभिक जांच में आत्महत्या के संकेत हैं, लेकिन परिवार के बयान और कॉल डिटेल के आधार पर सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।”
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Disclaimer: आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। अगर आपके मन में भी सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हैं तो आप फौरन घर-परिवार, दोस्तों और साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। आसरा (मुंबई) 022-27546669, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)। स्पंदन (मध्य प्रदेश) 9630899002, 7389366696, संजीवनी: 0761-2626622, TeleMANAS 1-8008914416/14416, जीवन आधार: 1800-233-1250. मानसिक तनाव होने पर काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800 8914416 पर संपर्क कर घर बैठे मदद पा सकते हैं।
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