आर्मी के क्लर्क ने किया वो 'कांड' कि अफसर भी भौचक्के हो गए, पुलिस को बतानी पड़ी उसकी सच्चाई

मध्य प्रदेश के इंदौर से लगे महू में आर्मी मार्कमैनशिप यूनिट (AMU) में क्लर्क के पद पर तैनात सेना के एक हवलदार के खिलाफ पुलिस ने गबन का मामला दर्ज किया है। उसने यह रकम अपने रिश्तेदार के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी थी। 

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर से लगे महू में आर्मी मार्कमैनशिप यूनिट (AMU) में क्लर्क के पद पर तैनात सेना के एक हवलदार के खिलाफ पुलिस ने गबन का मामला दर्ज किया है। उसने यह रकम अपने रिश्तेदार के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी थी। पुलिस ने कहा कि एएमयू अधिकारियों द्वारा पुलिस को लिखे गए एक पत्र के बाद मामला दर्ज किया गया है।

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महू थाने के सब इंस्पेक्टर देवेश पाल ने कहा कि पुलिस को लिखे लेटर में कहा गया है कि एएमयू महू में तैनात क्लर्क ने यूनिट के सरकारी पैसे को अपने एक रिश्तेदार के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए थे, जो पंजाब के लुधियाना का निवासी है। मामले के वेरिफिकेशन के बाद सीनियर अधिकारियों के निर्देश के बाद शुक्रवार रात उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि चूंकि आरोपी सेना का जवान है, इसलिए किसी भी अपराध में शामिल आर्मी पर्सनल के के संबंध में कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पिछले हफ्ते ही इंदौर कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत एक 42 वर्षीय क्लर्क को पिछले तीन वर्षों में 5.68 करोड़ रुपये के सरकारी धन की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने 2020 के बाद से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के लिए रखी गई धनराशि को अपनी पत्नी, रिश्तेदारों और परिचितों के खातों सहित लगभग 25 बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया था। गिरफ्तारी के बाद अदालत ले जाते समय क्लर्क ने कहा था कि उसने गबन का पैसा मुंबई और गोवा के होटलों और क्लबों में खर्च किया।

एक खबर यह भी-हत्या के दो आरोपी बरी

ठाणे. महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने 2020 के हत्या के एक मामले में नवी मुंबई के दो मजदूरों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है। एडिशनल सेशन कोर्ट जज पीएम गुप्ता ने 27 मार्च को आदेश पारित किया, जो शनिवार को उपलब्ध कराया गया। दोनों आरोपी तुर्भे में पीड़ित संतोष कस्बे के ही मोहल्ले में रहते थे।

अभियोजन(prosecution) पक्ष ने अदालत को बताया कि 20 जनवरी, 2020 को पीड़ित काम के लिए घर से निकला था और वापस नहीं लौटा। उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ पाया गया। दो दिन बाद उसका शव मोहल्ले में बोरे में लिपटा मिला था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी रात में शराब पी रहे थे, जब पीड़िता घटनास्थल पर पहुंची और झगड़ा शुरू हो गया। आरोप है कि आरोपी ने पत्थर और हथौड़े से वार कर उसकी हत्या कर दी।

पुलिस ने दावा किया था कि दोनों आरोपियों ने घटनास्थल की सफाई की और पीड़ित के शरीर को एक बोरे में भर दिया। जज ने अपने आदेश में कहा कि घटना आधी रात के आसपास हुई थी, जब लोग आमतौर पर सो रहे होते हैं।

आदेश में कहा गया है कि हमला 10 से 15 मिनट तक चला होगा और पड़ोसियों ने झगड़ा और चीख-पुकार सुनी होगी। हालांकि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत गवाह मामले का समर्थन नहीं कर रहे थे और यह साबित करने के लिए कोई प्रत्यक्ष, परिस्थितिजन्य या वैज्ञानिक सबूत नहीं था कि आरोपी ने सबूत नष्ट करने का प्रयास किया था।

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