इंदौर बावड़ी त्रासदी: मासूम बहनों को नहीं पता कि उनकी मां मर गई, वे खुद भी हादसे में बचने के बाद से कांप रही हैं

रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे में कइयों के घरों में मातम पसार दिया है। इंदौर के इतिहास की अब तक की ऐसी सबसे बड़ी त्रासदी में 36 लोगों की मौत हुई। 

 

इंदौर. रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे में कइयों के घरों में मातम पसार दिया है। इंदौर के इतिहास की अब तक की ऐसी सबसे बड़ी त्रासदी में 36 लोगों की मौत हुई। करीब 19 घंटे तक रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन में बावड़ी से लाशें और घायल लोग निकाले जा सके।

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हृदय विदारक बावड़ी हादसे में घायल हुई दो बहनों अलीना और वेदा ने अपनी मां और चचेरे भाई को खो दिया है। लेकिन इन्हें नहीं मालूम कि वे इस दुनिया में नहीं रहे। हालांकि उन्हें लगा रहा है कि घर में कुछ तो बुरा हुआ है, लेकिन मासूम बच्चे कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। वे बस बार-बार अपनी मां के पास जाने की रट लगाए हुए हैं। उनके रिश्तेदारों और परिजनों के पास बहाने बनाने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है।

तस्वीर में-भूमिका (बाएं से दूसरी) अपनी सास दीपा के साथ हितांश का हाथ पकड़े हुए। दो लड़कियां अलीना और वेद हैं। दायें से दूसरे हैं जीवल खनचंदानी, जो भूमिका की भाभी हैं। हादसे में हितांश और भूमिका की मौत हो गई)

फ्री प्रेस जनरल एक एक रिपोर्ट के अनुसार, दीपा खनचंदानी (52) अपनी दोनों बहुओं भूमिका खानचंदानी (अलीना और वेदा की मां), छोटी बहू जीवल खंचदानी (दो साल के हितांश की मां) और तीनों बच्चों के साथ बेलेश्वर गई थीं। महादेव मंदिर में रामनवमी पर हवन होना था। हादसे में वे कुएं में गिर गए। दीपा, जीवल, अलीना और वेद को बचा लिया गया। उनका एप्पल अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि भूमिका और हितांश को नहीं बचाया जा सका।

दीपा के भाई विजय गुलानी ने कहा कि 7 साल की अलीना और उसकी 3 साल की छोटी बहन वेदा ठीक हैं, लेकिन घटना के बाद से डरे हुए हैं। गुलानी ने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें आईसीयू में रखने का फैसला किया था, क्योंकि वे डरे हुए थे। उनके पिता उमेश और परिवार के अन्य सदस्य बच्चों को बहलाने की कोशिश कर रहे हैं।

विजय गुलानी ने बताया कि हितांश का शव गुरुवार(30 मार्च) देर रात बावड़ी से बरामद हो सका था। हितांश की मां जीवल के पैर और हाथ में चोटें आई हैं और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बावड़ी से हितांश का शव बरामद होने के बाद परिजनों ने इसकी जानकारी दी। अपने बच्चे को आखिरी बार देखने के लिए उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। हितांश प्रेम खानचंदानी का इकलौता बेटा था और वह अलीना और वेद का प्यारा चचेरा भाई था। प्रेम अक्सर अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करते थे। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि दीपा को फ्रैक्चर हो गया है इसलिए वह कुछ और दिनों के लिए अस्पताल में रहेगी जबकि जीवल (हितांश की मां) को जल्द ही छुट्टी मिल सकती है।

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