
भोपाल। मंगलवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में प्रदेश के किसानों, उद्यमियों, पेंशनर्स और युवाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मंत्रि-परिषद ने पहली बार प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों के किसानों से कोदो-कुटकी उपार्जन करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से प्रदेश के जनजातीय किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।
रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी और सिंगरौली जिलों के किसानों से कोदो-कुटकी की खरीद की जाएगी। अन्य जिलों से भी मांग आने पर उपार्जन करने पर विचार किया जाएगा।
श्रीअन्न कंसोर्टियम ऑफ फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (श्रीअन्न फेडरेशन) द्वारा किसानों से खरीफ 2025 में उत्पादित श्रीअन्न कुटकी ₹3500 प्रति क्विंटल और कोदो ₹2500 प्रति क्विंटल की दर से लगभग 30 हजार मीट्रिक टन उपार्जन किया जाएगा।
इसके लिए श्रीअन्न फेडरेशन को मूल्य स्थिरीकरण कोष से ₹80 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। साथ ही, किसानों को ₹1000 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी।
मंत्रि-परिषद ने खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में सोयाबीन किसानों को लाभ पहुंचाने हेतु भारत सरकार की प्राइस डिफिसिट पेमेंट स्कीम को लागू करने की स्वीकृति दी है। राज्य में इसे भावांतर योजना के नाम से जाना जाएगा। यह योजना 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक लागू रहेगी। इस अवधि में किसान अपने सोयाबीन का विक्रय अधिसूचित मंडियों में कर सकेंगे।
राज्य की मंडियों में 14 दिनों के औसत विक्रय मूल्य (Weighted Average) के आधार पर मॉडल रेट तय किया जाएगा। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP ₹5238) और वास्तविक विक्रय दर/मॉडल रेट के अंतर की राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार की सिल्क समग्र-2 योजना को 25% राज्यांश के साथ रेशम समृद्धि योजना के रूप में लागू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत रेशम उत्पादन से जुड़ी 23 गतिविधियों में सहायता दी जाएगी।
इसमें क्रमशः 25% और 10% हितग्राही अंश रहेगा। इससे मलबरी, वन्या और पोस्ट ककून क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
पहले योजना की लागत ₹3.65 लाख थी, जिसमें ₹2.08 लाख राज्य सहायता दी जाती थी। अब नई योजना में इकाई लागत ₹5 लाख होगी।
यह योजना रेशम किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी।
मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की Raising and Accelerating MSME Performance (RAMP) योजना को प्रदेश में सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। योजना के तहत कुल बजट ₹105.36 करोड़ स्वीकृत किया गया है, जिसमें राज्यांश ₹31.60 करोड़ (30%) रहेगा। इस योजना से MSME इकाइयों को प्रदर्शन, क्षमता और उत्पादन में सुधार के अवसर मिलेंगे।
राज्य सरकार ने पेंशनरों और परिवार पेंशनरों के लिए महंगाई राहत (DA) की दर बढ़ाने का निर्णय लिया है।
यह संशोधन 1 सितम्बर 2025 से (भुगतान माह अक्टूबर 2025) से लागू होगा। इस निर्णय से राज्य के कोष पर लगभग ₹170 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।
मंत्रि-परिषद ने सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना (2021) में नए प्रावधान जोड़ने की स्वीकृति दी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के 5000 युवाओं को विभिन्न रोजगारोन्मुखी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बैठक में 15वीं वाहिनी विसबल, इंदौर के आरक्षक (विसबल) अरुण सिंह भदौरिया को प्रधान आरक्षक (विसबल) पद पर क्रम से पूर्व पदोन्नति देने का निर्णय लिया गया।
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