सुबोध संवाद का दूसरा दिन: प्रदेश में विकास और प्रशासनिक प्राथमिकताओं पर फोकस

Published : Oct 08, 2025, 01:33 PM IST
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सार

भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कानून व्यवस्था, ग्रामीण विकास और शिक्षा पर चर्चा होगी। तीन सत्रों में राज्य की प्राथमिकताओं और सुधार योजनाओं पर मंथन किया जा रहा है।

भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का आज दूसरा दिन है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में चल रही इस कॉन्फ्रेंस में बुधवार को कानून व्यवस्था, ग्रामीण जन-जीवन और प्रशासनिक प्राथमिकताओं से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है।इस बैठक को राज्य शासन के लिए नीतिगत और विकासात्मक दिशा तय करने वाला अहम मंच माना जा रहा है।

तीन सत्रों में होगी समीक्षा और दिशा निर्धारण

कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कुल तीन सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। प्रत्येक सेक्टर के लिए 75 मिनट का सत्र समय निर्धारित किया गया है। पहले सत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी सरकारी प्राथमिकताओं पर विस्तार से जानकारी देंगे, जबकि दिन के अन्य सत्रों में शिक्षा, ग्रामीण विकास और कानून व्यवस्था से जुड़े विभाग अपने-अपने अनुभव साझा करेंगे।

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वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में नीति संवाद

कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई (मुख्यमंत्री कार्यालय) और आयुक्त जनसंपर्क दीपक सक्सेना उपस्थित रहेंगे।इस सत्र में मुख्यमंत्री की प्राथमिक योजनाओं, जनसंपर्क गतिविधियों और राज्य की जनहितकारी नीतियों पर चर्चा होगी।शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सत्र में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग और राज्य शिक्षा आयुक्त अपनी प्रस्तुतियां देंगे, जिसमें शिक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने पर मंथन होगा।

ग्रामीण और जनजातीय विकास रहेगा केंद्रबिंदु

दूसरे सत्र में ग्रामीण जीवन और जनजातीय क्षेत्रों की प्रगति पर विशेष फोकस रहेगा। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि पंचायत स्तर तक योजनाओं का क्रियान्वयन और जनसुविधाएं सुचारू रूप से पहुंचें।

अंतिम सत्र में कानून व्यवस्था की समीक्षा

कॉन्फ्रेंस के आखिरी सत्र में मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। राज्य के विभिन्न जिलों से आए पुलिस अधिकारियों और कलेक्टरों द्वारा कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति, चुनौतियां और समाधान पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।सरकार का जोर है कि प्रदेश में नागरिक सुरक्षा, पारदर्शिता और त्वरित न्याय प्रक्रिया को और सशक्त बनाया जाए।

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