MP: रसगुल्ला गायब, नमक चोरी, बकरी फरार... लेकिन कानून चुप!

Published : May 03, 2025, 05:51 PM IST
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सार

Funny crime stories from Jabalpur: जबलपुर में रसगुल्ले, नमक और बकरियों की चोरी की अजीबोगरीब घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस कार्रवाई न होने से चोरों के हौसले बुलंद हैं। क्या ये नया कानून चोरों को बढ़ावा दे रहा है?

Goat theft in luxury car Jabalpur: कभी हरिशंकर परसाई की लेखनी में बसने वाला जबलपुर आजकल ऐसी चोरियों का गढ़ बन गया है, जिन्हें सुनकर आप चौंकेंगे भी और मुस्कराएंगे भी। रसगुल्ला चोरी, नमक की बोरी उड़ाना और बकरियां लक्जरी कार में भरकर ले जाना,ये सब जबलपुर में हाल के दिनों में हुए हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन मामलों में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई, या फिर गिरफ्तारी हुई तो आरोपी को कोर्ट में पेश भी नहीं किया गया। वजह है भारत का नया कानून।

चोरी की पहली कहानी: 125 रुपये के रसगुल्ले चुरा ले गए चतुर चोर

सिहोरा की एक बेकरी में देर रात स्कूटी सवार दो युवक घुसे, CCTV में एक मुँह ढके और दूसरा 'नैतिक निगरानी' करता नजर आया। दोनों रसगुल्ले और गुटखा लेकर चंपत हो गए। दुकानदार शिकायत लेकर थाने पहुंचा, लेकिन जवाब मिला "ये जुर्म तो है, पर केस नहीं बनता।"

चोरी की दूसरी कहानी: एक्टिवा में 5 बोरी नमक लेकर चोर फरार

देवताल इलाके में सफेद एक्टिवा पर आया चोर 1000 रुपये की 5 बोरी नमक लाद कर ऐसे निकल गया जैसे Big Basket की होम डिलीवरी हो। CCTV फुटेज में सब कुछ कैद है, मगर फिर भी FIR नहीं हुई। पुलिस बोली- "मामला अदमचेक है।"

चोरी की तीसरी कहानी: 9 बकरियों को कार में भरकर भागे चोर

अधारताल में बकरी चोरी का ‘सुपर प्रीमियम वर्जन’ सामने आया। चार चोर लग्ज़री कार में 9 बकरियां भरकर भाग निकले। पुलिस ने CCTV खंगाला और चार आरोपी पकड़े, 8 बकरियां बरामद but guess what? कोर्ट में पेशी तक नहीं हुई।

5000 रुपये से कम की चोरी = न जुर्म, न सजा?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एडिशनल SP सूर्यकांत शर्मा बताते हैं कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 303 के तहत ₹5000 से कम की चोरी को असंज्ञेय अपराध माना गया है। यानी पुलिस सिर्फ रिपोर्ट बनाएगी, FIR नहीं। फरियादी को सीधे कोर्ट जाना होगा।

'अदमचेक' लगेगा या इंसाफ मिलेगा?

नए कानून ने चोरों को लाइसेंस दे दिया है, 5000 रुपये तक चोरी करो और पुलिस सिर्फ 'अदमचेक रिपोर्ट' बनाकर छुट्टी पा लेती है। सवाल यह है कि क्या जबलपुर जैसी संस्कारधानी अब चोरी का सेंटर बनती जा रही है? क्या बकरियों, रसगुल्लों और नमक के पीछे भाग रही पुलिस अब सिर्फ खानापूर्ति करेगी?

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