ग्वालियर में महाठगी : 32 दिन घर में कैद रहा जवान, साइबर ठगों ने बर्बाद कर दिया!

Published : Jan 07, 2025, 11:11 AM IST
digital arrest case

सार

ग्वालियर में एक बीएसएफ इंस्पेक्टर 32 दिन तक घर में कैद रहा और साइबर ठगों ने 70.29 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने खुद को पुलिस बताकर मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।

ग्वालियर | डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है, और अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। साइबर ठगों ने एक बीएसएफ इंस्पेक्टर को 32 दिन तक अपने घर में कैद रखा और उसे मनी लांड्रिंग के झूठे आरोप में फंसा कर 70.29 लाख रुपये ठग लिए। यह घटना डिजिटल अरेस्ट के सबसे बड़े मामलों में से एक मानी जा रही है, जिसने सुरक्षा बलों के भीतर भी सुरक्षा खामियों की ओर इशारा किया है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में बीएसएफ के इंस्पेक्टर अबसार अहमद के साथ हुई यह धोखाधड़ी देश में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। अबसार अहमद, जो बीएसएफ टेकनपुर में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं, को ठगों ने 2 दिसंबर 2024 से 2 जनवरी 2025 तक अपने घर में कैद रखा। इस दौरान ठगों ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर इंस्पेक्टर को डराया और मनी लांड्रिंग केस में फंसा दिया।

ठगों ने इंस्पेक्टर से कहा कि अगर वह अपनी संपत्ति और पैसे एक निश्चित खाते में ट्रांसफर नहीं करेंगे, तो वह मनी लांड्रिंग मामले में फंस सकते हैं, जिससे उनका पैसा जब्त हो सकता था और उन्हें जेल भेजा जा सकता था। भयभीत होकर अबसार अहमद ने अपनी पूरी जमा-पूंजी ठगों को भेज दी, जिससे उन्हें कुल 70.29 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

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कैसे हुई ठगी?

बीएसएफ जवान अबसार अहमद ने नोएडा स्थित एक ज़मीन के सौदे के लिए एडवांस भुगतान किया था और कुछ पैसे रिश्तेदारों और दोस्तों से उधार लेकर ठगों को भेजे। जब जवान को यह अहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है, तो उसने अपने बेटे से इस बारे में बात की। इसके बाद, बेटे ने 3 जनवरी को साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल किया और पता चला कि यह पूरा मामला डिजिटल अरेस्ट का था।

क्या थी ठगों की धमकी?

अबसार अहमद ने बताया कि ठगों ने उन्हें डराया था कि उनके पास जितना भी पैसा है, उसे एक खाते में ट्रांसफर करना होगा। यदि पैसे का स्रोत सही पाया जाता है, तो उन्हें वापस कर दिया जाएगा, लेकिन अगर वह मनी लांड्रिंग में शामिल पाए जाते हैं, तो पैसा जब्त कर लिया जाएगा और उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। इस भय के कारण जवान लगातार पैसे भेजता रहा।

इस मामले पर इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने 3 जनवरी को ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह से मुलाकात की और अपनी पूरी कहानी बताई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और ठगों की पहचान करने के लिए जांच शुरू कर दी है। साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए, अब इस मामले को लेकर ग्वालियर पुलिस भी सतर्क हो गई है

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