कुबेरेश्वर धाम भगदड़ की रिपोर्ट: 4000 व्यवस्था और पहुंच गए 5 लाख लोग, प्रदीप मिश्रा पर उठ रहे ये सवाल

Published : Aug 07, 2025, 03:32 PM ISTUpdated : Aug 07, 2025, 03:43 PM IST
Pandit Pradeep Mishra biography

सार

Kubereshwar Dham Tragedy: मध्य प्रदेश के सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में हुई कावड़ यात्रा और रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में भारी भीड़ एवं व्यवस्थागत खामियों के कारण पिछले तीन दिन में 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में पिछले दो दिनों में घटित घटनाओं ने धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 11 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा में देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं के बीच हुई दुर्घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई है।

कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ पहली भगदड़

  • घटनाओं की शुरुआत मंगलवार, 5 अगस्त को हुई जब कुबेरेश्वर धाम में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और दो महिलाओं की दबकर मौत हो गई। मृतकों की पहचान गुजरात के राजकोट की 56 वर्षीय जसवंती बेन और उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की 48 वर्षीय संगीता गुप्ता के रूप में हुई।
  • स्थिति और भी गंभीर हो गई जब बुधवार, 6 अगस्त को कांवड़ यात्रा के दौरान तीन और श्रद्धालुओं की मौत हुई। इनमें गुजरात के पंचमहल जिले के 50 वर्षीय चतुर सिंह, हरियाणा के रोहतक के 65 वर्षीय ईश्वर सिंह और रायपुर के 57 वर्षीय दिलीप सिंह शामिल थे। मौत की वजह हार्ट अटैक और अचानक चक्कर आकर गिरना बताई गई है।

  4,000  लोगों की व्यवस्था और पहुंच गए 5 लाख लोग

  • हादसे की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि घायलों को जिला अस्पताल तक पहुंचाने में डेढ़ घंटे का समय लग गया। घटना के तीन घंटे बाद तक स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मृतकों की पहचान नहीं कर पाए थे।
  • यात्रा में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए थे, जबकि प्रशासन केवल 4,000 लोगों के ठहरने की व्यवस्था कर पाया था। इंदौर-भोपाल हाईवे पर 27 किलोमीटर लंबा जाम लगा, जो व्यवस्था की कमी को दर्शाता है।

कुबेरेश्वर धाम में हादसे के बाद सियासत में भी बवाल

घटना के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष वितरण बंद करने की मांग की है। उन्होंने अपने बयान में कहा- पंडित प्रदीप मिश्रा को रुद्राक्ष वितरण बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा सरकार से उनपर कानूनी कार्रवाई करे। वहीं डॉ. मोहन यादव सरकार में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कुबेरेश्वर धाम आए लोगों की मौतों को लेकर न्यायिक जांच कराने की बात कही है।

कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा?

पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1977 में सीहोर में हुआ था। पहले वे निजी स्कूल में शिक्षक थे लेकिन बाद में कथा-प्रवचन की ओर मुड़ गए। वे शिव महापुराण, श्रीमद्भागवत कथा के लिए प्रसिद्ध हैं और 'सीहोर वाले बाबा' के नाम से जाने जाते हैं।

कुबेरेश्वर धाम में पहले भी हुए हादसे?

यह पहली बार नहीं है जब कुबेरेश्वर धाम में ऐसी घटना हुई हो। 16 फरवरी 2023 को रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में महाराष्ट्र की 53 वर्षीय मंगल बाई की मौत हुई थी। अगले दिन 3 साल के बच्चे अमोघ भट्ट की भी मौत हो गई थी।

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