
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में पिछले दो दिनों में घटित घटनाओं ने धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 11 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा में देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं के बीच हुई दुर्घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई है।
घटना के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष वितरण बंद करने की मांग की है। उन्होंने अपने बयान में कहा- पंडित प्रदीप मिश्रा को रुद्राक्ष वितरण बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा सरकार से उनपर कानूनी कार्रवाई करे। वहीं डॉ. मोहन यादव सरकार में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कुबेरेश्वर धाम आए लोगों की मौतों को लेकर न्यायिक जांच कराने की बात कही है।
पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1977 में सीहोर में हुआ था। पहले वे निजी स्कूल में शिक्षक थे लेकिन बाद में कथा-प्रवचन की ओर मुड़ गए। वे शिव महापुराण, श्रीमद्भागवत कथा के लिए प्रसिद्ध हैं और 'सीहोर वाले बाबा' के नाम से जाने जाते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब कुबेरेश्वर धाम में ऐसी घटना हुई हो। 16 फरवरी 2023 को रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में महाराष्ट्र की 53 वर्षीय मंगल बाई की मौत हुई थी। अगले दिन 3 साल के बच्चे अमोघ भट्ट की भी मौत हो गई थी।
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