प्रसिद्ध संत कनक बिहारी दास की एक्सीडेंट में मौत, 3 शिष्य भी नहीं बचे-अयोध्या मंदिर के लिए दिए थे 1 करोड़

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में हुए भीषण सड़क हादसे में राज्य के प्रसिद्ध संत कनक बिहारी दास जी महाराज का निधन हो गया। वह बरमान से छिंदवाड़ा लौट रहे थे, तभी अचानक उनकी कार एक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में पलट गई।

Arvind Raghuwanshi | Published : Apr 17, 2023 8:27 AM IST / Updated: Apr 17 2023, 05:01 PM IST

नरसिंहपुर. मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में दिल दहला देने वाला हादसा हुआा। भीषण कार हादसे में प्रदेश के संत कनक बिहारी दास जी महाराज का निधन हो गया। हादसे में तीन अन्य लोगों की जान चली गई। बता दें, कनक बिहारी वही संत थे जिन्होंने 2021 में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को 1 करोड़ 11 लाख का चेक दिया था।

बाइक सवार को बचाने के चक्कर में संत की मौत

दरअसल, यह भयानक एक्सीडेंट सोमवार सुबह 8 बजे नरसिंहपुर के पास हुआ। जहां सतं कनक बिहारी दास जी महाराज की कार एक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित होकर सड़क किनारे जा पलटी। हादसा इतना भयानक था कि मौके पर संत और तीन अन्य श्रद्धालुओं की मौत हो गई। ड्राइवर रूपलाल को भी गंभीर चोट आई है।

संत समाज में शोक की लहर, नेताओं ने जताया दुखः

बता दें कि संत कनक बिहारी दास जी महाराज अपने शिष्यों के साथ कार में सवार होकर बरमान से छिंदवाड़ा लौट रहे थे तभी यह हादसा हुआ। हादसे की खबर लगते ही संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने संत के निधन पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा- एक सड़क दुर्घटना में परम श्रद्धेय संत यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008 श्री कनक बिहारी महाराज का स्वर्गवास होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ।

सीएम शिवराज ने भी श्री श्री 1008 संत श्री कनक बिहारी दास जी महाराज के निधन पर जताया दुख

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा- सड़क दुर्घटना में रघुवंश शिरोमणि श्री श्री 1008 संत श्री कनक बिहारी दास जी महाराज के देवलोक गमन से धर्म और अध्यात्म जगत की अपूरणीय क्षति हुई है। भगवान श्रीराम से दिव्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति!

संत रघुवंशी समाज के थे गौरव

कनक बिहारी के निधन की खबर लगते ही रघुवंशी समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी। वो रघुवंशी समाज के गौरव थे। महाराज अगले साल अयोध्या में 9009 कुंडीय यज्ञ का आयोजन करने वाले थे। जिसकी तैयारी में वो लगे थे, लेकिन एक हादसे ने सब खत्म कर दिया।

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