कहां जन्मे और कितने पढ़े-लिखे थे बाबा सियाराम...क्या है उनके प्रसिद्धी की वजह?

Published : Dec 12, 2024, 11:34 AM IST
baba siyaram

सार

संत सियाराम बाबा, भगवान हनुमान के प्रति अपनी भक्ति और सादगीपूर्ण जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध थे। नर्मदा के पास भट्टयान आश्रम में रहने वाले इस तपस्वी संत का 110 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

भोपाल। भगवान हनुमान के प्रति गहरी भक्ति और सादगीपूर्ण जीवनशैली के लिए पहचाने जाने वाले आध्यात्मिक नेता संत सियाराम बाबा का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में नर्मदा नदी के किनारे स्थित भट्टयान आश्रम में निवास करते थे। बाबा ने अपना पूरा जीवन आध्यात्मिक साधना और तपस्या को समर्पित कर दिया।बुधवार सुबह 6:10 बजे उन्होंने अपने आश्रम में अंतिम सांस ली। उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अपनी इच्छा के अनुसार वे अपने प्रिय आश्रम लौट आए थे। क्या आप जानते हैं कि बाबा का जन्म कहां हुआ था और वो कितने पढ़े लिखे थे। नहीं जानते तोआईए बताते हैं।

कहां हुआ था बाबा का जन्म?

बाबा सियाराम का जन्म 1933 में गुजरात के भावनगर में हुआ था। 17 वर्ष की आयु में घर त्याग दिया था। कोई उनकी उम्र 100 साल बताता है तो कोई 115 साल, लेकिन भट्यान गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि वर्ष 1955 में बाबा भट्यान गांव आए थे। तब वे युवा थे और उनकी उम्र 25 से 30 साल रही होगी। 69 साल से वे गांव में रहे, वे गांव छोड़कर कहीं नहीं जाते थे। सियाराम बाबा की खास बात ये थी कि उन्होंने कभी भी किसी से 10 रुपये से ज्यादा दान में नही लिए. अगर कोई उन्हें 500 रुपये देता तो बाबा 490 रुपये लौटा देते थे. आजीवन उनका यही नियम रहा.

कितने पढ़े लिखे थे संत सियाराम?

कुछ लोग ये भी कहते हैं कि संत सियाराम बाबा का जन्म खरगोन जिले में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने गांव के स्कूल में रहकर पढ़ाई की थी। 7वीं के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और वैरागी हो गए। उसके बाद वह हिमालय की यात्रा पर निकल पड़े। वहां से वापस आकर संत सियाराम बाबा ने नर्मदा नदी के किनारे अपना आश्रम बना लिया और यहीं जीवन भर तपस्या करते रहे। वह 12 वर्षों तक मौन व्रत पर रहे और 10 वर्षों तक एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की। उन्हें पिछले दिनों निमोनिया की शिकायत हुई थी। उनके इलाज के लिए चिकित्सकों की टीम लगी हुई थी।

सियाराम बाबा का जीवन और योगदान

सियाराम बाबा का जीवन सादगी और आध्यात्मिकता का प्रतीक था। भगवान हनुमान के प्रति उनकी अटूट आस्था और भक्ति ने उन्हें उनके अनुयायियों के बीच विशेष स्थान दिलाया। वे धार्मिक विकास के लिए दान का उपयोग करते और रामचरितमानस का नियमित पाठ करते थे।

बाबा को लेकर ये भी है मिथ

उनकी लोकप्रियता के बावजूद, सोशल मीडिया पर उनके जीवन को लेकर कई झूठे मिथक प्रचारित हुए। कहा गया कि वे 188 वर्ष के थे और किसी गुफा में मिले थे। हालांकि, वास्तविकता में वे एक सच्चे संत थे, जिनका जीवन सादगी और भक्ति का उदाहरण था। 

सादगीपूर्ण जीवनशैली

बाबा का जीवन अत्यंत सादगीपूर्ण था। वे कठोर मौसम में भी केवल साधारण वस्त्र पहनते और स्वयं अपने दैनिक कार्य करते थे। उनके अनुयायियों का कहना है कि वर्षों की साधना और ध्यान ने उन्हें सभी प्रतिकूलताओं को सहने की शक्ति दी थी।

धार्मिक सेवा और नर्मदा तट का विकास

बाबा ने भक्तों से प्राप्त सीमित दान का उपयोग नर्मदा तट के घाटों के जीर्णोद्धार और धार्मिक संस्थानों के विकास के लिए किया। उनका मानना था कि भक्ति के साथ सेवा का महत्व है। उनके आश्रम में नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान और प्रवचन होते थे, जो भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते थे। वह जीवन भर नर्मदा नदी का जल पिया करते थे। उन्होंने हमेशा लंगोट पहनी और नर्मदा किनारे तपस्या की। वह हनुमान जी के भक्त थे और दिनभर रामायण का पाठ करते थे।

अंतिम संस्कार

बाबा का अंतिम संस्कार गुरुवार शाम 4 बजे किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों अनुयायियों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है और भक्त उन्हें सादगी, भक्ति और सेवा के प्रतीक के रूप में याद करेंगे।

 

ये भी पढ़ें…

बिना माचिस दीया जलाने वाले बाबा सियाराम: जानें उनके 11 अनसुने किस्से

110 साल की उम्र में संत सियाराम बाबा का निधन, जानें उनके तप और त्याग की कहानी

 

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

हरियाणा में कोहरे का कहर: रेवाड़ी के हाइवे पर भिड़ीं बसें, मची-चीख पुकार
MP: पिता ने 5 लाख की सुपारी देकर कराई बेटे की हत्या, चौंकाने वाला है मर्डर का राज