
नागपुर. महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक हॉस्पिटल में लोगों की मौतें हो रही हैं। अभी नांदेड़ की घटना शांत भी नहीं हुई थी कि अब नागपुर के दो सरकारी अस्पताल में 24 घंटे के अदंर 14 की लोगों की जान चली गई। पूरे प्रदेश में मरीजों की मौत का मामला छाया हुआ है। विपक्ष ने जमकर शिंदे और बीजेपी पर निशाना साधते हुए इसका जिम्मेदार ठहराया है।
नागपुर के डीन ने बताई मरीजों की मरने की वजह
दरअसल, नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में बुधवार सुबह 8 बजे तक यानि 24 घंटे के अंदर करीब 14 लोगों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि यहां भी मरीजों की मौत दवा की कमी और इलाज समय नहीं होने पर हुई है। हलांकि अस्पताल के डीन राज गजभिए ने बताया कि इस अस्तपाल में 1,900 बेड हैं। यहां पूरे देश के लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। मौसम बदलने के कारण इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। वैसे रोजाना 10 से 12 मरीजों की मौत होती है। उन लोगों की मौत हुई हैं जो बहुत ज्यादा गंभीर हालत में हॉस्पिटल में लेकर आए थे।
नांदेड़ में 24 घंटे में 31 मरीजों की मौत
बता दें कि दूसरी घटना नांदेड़ जिले के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल की है। जहां पिछले दो दिन में 31 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 12 से 15 नवजात बच्चे शामिल हैं। वहीं कुछ बुजुर्ग मरीज भी हैं, जांच में सामने आया है कि मौतों का कारण दवाओं और स्टाफ की संख्या में कमी बताया जा रहा है। महाराष्ट्र के अस्पताल की घटना के बाद सियासत भी तेज हो गई है। एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर कांग्रेस ने जमकर निशाना साधा है।
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