
मुंबई। NCP (Nationalist Congress Party) में हुई टूट अब पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर लड़ाई तक पहुंच गई है। अजित पवार गुट ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा पेश किया है। वहीं, शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग में कैविएट दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग कोई फैसला लेने से पहले उनका पक्ष जरूर सुने।
अजित पवार का गुट बुधवार की महत्वपूर्ण बैठक के बाद चुनाव आयोग से संपर्क करने के विकल्प पर विचार कर रहा है। वहीं, शरद पवार गुट की ओर से चुनाव आयोग में एक कैविएट दायर की है। अजित पवार गुट ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया है।
शरद पवार गुट चुनाव आयोग से कहा- फैसला करने से पहले सुनें हमारी बात
शरद पवार गुट ने कैविएट दाखिल कर चुनाव आयोग से कहा है कि पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर कोई भी फैसला लेने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए। गौरतलब है कि 2 जून को एनसीपी में टूट हुई थी। अजित पवार और आठ अन्य विधायक शरद पवार से बगावत कर सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार को उपमुख्यमंत्री और आठ अन्य विधायकों को मंत्री बनाया गया है।
शिवसेना (एकनाथ शिंदे) गुट के नेताओं को होने लगी नाराजगी
दूसरी ओर सरकार में एनसीपी के एक गुट के शामिल होने से शिवसेना (एकनाथ शिंदे) गुट को परेशानी होने लगी है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) गुट के नेता संजय शिरसाट ने कहा, “राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी हमारे साथ आना चाहता है तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है। भाजपा ने यही किया। एनसीपी के हमारे साथ आने के बाद हमारे समूह के लोग नाराज थे। क्योंकि इससे हमारे कुछ नेताओं को उनका वांछित पद नहीं मिलेगा। यह सच नहीं है कि हमारे सभी नेता एनसीपी के हमारे साथ आने से खुश हैं। हमने सीएम और डिप्टी सीएम को सूचित कर दिया है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा। हम हमेशा एनसीपी के खिलाफ थे और आज भी हम शरद पवार के खिलाफ हैं। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को सीएम के रूप में इस्तेमाल किया था। जब उद्धव सीएम थे तो एनसीपी (शरद पवार) सरकार चलाते थे।”
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