
पुणे। दुबई की नई वीज़ा आवश्यकताओं ने भारतीय पर्यटकों के बीच अनिश्चितता और वित्तीय चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। दुबई में टूरिस्ट वीजा के लिए अब सख्त दस्तावेज़ों की मांग की जा रही है, जिसमें होटल बुकिंग, वापसी टिकट, और रिश्तेदारों के साथ ठहरने पर उनके किराए के समझौते और अमीरात आईडी जैसे प्रमाण शामिल हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार इन कठोर नियमों के कारण वीज़ा रिजेक्शन रेट में भारी वृद्धि देखी जा रही है। पुणे ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश भंसाली ने कहा कि पहले जहां दुबई वीज़ा की स्वीकृति दर 99% तक थी, अब यह कम होकर 94-95% हो गई है।
इन परिवर्तनों का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि ये आगामी दुबई शॉपिंग फेस्टिवल (8 दिसंबर-14 जनवरी) के साथ मेल खाते हैं, जो भारतीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
एक परिवार ने दुबई वीज़ा के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा किए, लेकिन उनके आवेदन अस्वीकृत हो गए, जिससे उन्हें ₹50,000 से अधिक का नुकसान हुआ। कुछ यात्रियों ने फ्लाइट टिकट और होटल बुकिंग पर पहले ही खर्च कर दिया था, लेकिन वीज़ा अस्वीकृति के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। डमी दस्तावेज़ों से बचने की सलाह भंसाली ने चेतावनी दी कि नकली टिकट या डमी दस्तावेज़ संलग्न करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा, "दुबई वीजा नियम बेहद सख्त हैं। यदि गलत दस्तावेज़ पकड़े जाते हैं, तो यह आजीवन यात्रा प्रतिबंध का कारण बन सकता है।"
8 दिसंबर से शुरू होने वाले दुबई शॉपिंग फेस्टिवल के चलते भारतीय पर्यटकों की बड़ी संख्या में वीज़ा के लिए आवेदन करने की संभावना है। हालांकि, नई आवश्यकताओं के कारण कई लोग यात्रा योजना बनाने में हिचकिचा रहे हैं।
यात्रियों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने आवेदन के लिए सभी दस्तावेज़ सावधानीपूर्वक तैयार करें और डमी डाक्यूमेंट का उपयोग करने से बचें। दुबई यात्रा के लिए इन नए नियमों से भारतीय यात्रियों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह देखना बाकी है कि ये बदलाव लंबे समय तक यात्रा उद्योग को कैसे प्रभावित करेंगे।
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