महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के कई गांवों में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 'जेल भरो' विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। इधर मुंबई पुलिस ने मराठा आंदोलन में शामिल स्थानीय विधायक कैलाश पाटिल को गिरफ्तार कर लिया है।
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के कई गांवों के लोगों ने मराठा आरक्षण को लेकर गुरुवार को जेल भरो प्रदर्शन शुरू किया है। राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समाज के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन में स्थानीय विधायक कैलाश पाटिल को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ही जिले भर में जेल भरो विरोध शुरू हो गया। इस दौरान बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हो रहे हैं।
100 कर्यकर्ता जेल भरो प्रदर्शन में शामिल
आरक्षण की मांग को लेकर मराठों का आंदोलन लगातार बढ़ रहा है लेकिन अब तक सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि कौड़गांव में सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे की बीच करीब 100 कार्यकर्ता ‘जेल भरो’ प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान पुलिस ने 42 को हिरासत में भी ले लिया है। जिले में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
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25 अक्टूबर से आंदोलन कर रहे मनोज जारंगे
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे की ओर से 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में अनिश्चितकालीन अनशन फिर शुरू हो गया है। इस कारण राज्य में दोबारा विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। जरांगे ने इससे पहले अगस्त में भी ऐसा ही विरोध-प्रदर्शन किया था।
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29 अगस्त को पहली बार शुरू किया था आंदोलन
जरांगे ने मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर सबसे पहले 29 अगस्त को प्रदर्शन शुरू किया था। जरांगे ने उस समय 14 सितंबर को भूख हड़ताल खत्म करते हुए सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए 24 अक्टूबर तक का समय दिया था।
सरकान ने कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने को कहा
राज्य सरकार ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया था जिसमें संबंधित अधिकारियों से मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कहा गया है ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो सके। जरांगे ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए।