
एक ऐसा गांव जहां शराब और धूम्रपान पूरी तरह से प्रतिबंधित है। क्या भारत में ऐसा कोई गांव हो सकता है? हां, है। यहां न केवल शराब पीना और धूम्रपान करना मना है, बल्कि इन्हें बेचने की भी अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं, शराब पीने वालों को तो गाँव वाले अंदर घुसने ही नहीं देते। यह गांव है महाराष्ट्र का जाकेकुरवाड़ी, जिसने शराब और तंबाकू को पूरी तरह से त्याग दिया है।
यहां के ग्राम प्रधान हैं अमर सूर्यवंशी। अमर सूर्यवंशी के नेतृत्व में चार साल की कड़ी मेहनत के बाद यह बदलाव संभव हो पाया है। गांव में न केवल शराब पीकर आने वालों का प्रवेश वर्जित है, बल्कि बाहर से शराब लेकर आने की भी अनुमति नहीं है। तंबाकू उत्पादों का उपयोग करना या बेचना भी यहां पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
यही नहीं, इस गांव ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज के समय में हममें से ज़्यादातर लोग बिना फ़ोन के कुछ देर भी नहीं रह पाते। वीडियो देखने और सोशल मीडिया पर समय बिताने में हमारा कितना ही समय बर्बाद हो जाता है। यहां तक कि एक-दूसरे से बात करने का भी समय नहीं मिलता। लेकिन इस गांव में शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक फ़ोन के इस्तेमाल पर रोक है। बताया जाता है कि बच्चों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में मदद करने के लिए यह नियम बनाया गया है।
यहां अच्छी जल निकासी व्यवस्था, बुजुर्गों के लिए बैठने और बातचीत करने के लिए बेंच जैसी सुविधाएं हैं। ग्रामीणों ने 5 हज़ार से ज़्यादा पेड़ लगाए हैं। इसके अलावा, सभी त्यौहार और उत्सव पूरे गांव मिलकर मनाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार साल के अंदर ही यह गांव महाराष्ट्र के आदर्श गांवों में से एक बन गया है।
जाकेकुरवाड़ी गांव महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के उमरगा तहसील में स्थित है। यहां की आबादी 1,594 है।
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