भारतीय संस्कृति में गाय को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यही कारण है कि गौमाता की पूजा की जाती है। अब महाराष्ट्र सरकार ने इस बारे में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। महाराष्ट्र में अब गाय को आधिकारिक रूप से राज्यमाता घोषित कर दिया गया है।
नई दिल्ली. हिंदू गाय की पूजा करते हैं। हिंदुओं के लिए गाय ही नहीं, गाय का दूध, गोबर, गोमूत्र सहित सब कुछ पवित्र होता है। यही कारण है कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र सहित कई जगहों पर गाय को लेकर संघर्ष किया है। कई राज्यों में गौहत्या निषेध कानून लागू किया गया है। इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। महाराष्ट्र में अब गाय को राज्यमाता (राज्य की माता) का दर्जा आधिकारिक कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह आदेश जारी किया है। गौ माता भारतीय इतिहास में सांस्कृतिक रूप से, वैज्ञानिक रूप से, आध्यात्मिक रूप से और ऐतिहासिक रूप से महत्व रखती है। वेदों के काल से ही गाय की पूजा होती आ रही है। पवित्र गौमाता को राज्य की आधिकारिक राज्यमाता घोषित करते हुए एकनाथ शिंदे ने यह घोषणा की।
भारत की अमूल्य गाय की नस्ल को हम पूजते हैं। गाय हमारे लिए माँ समान है। गाय का दूध हर किसी के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। गाय का गोबर और गोमूत्र आयुर्वेद में महत्व रखता है। कई औषधियों में इसका उपयोग किया जाता है। पूजनीय गौमाता को राज्य की आधिकारिक राज्यमाता घोषित किया गया है।
भारत में देसी नस्लें घट रही हैं। यह चिंताजनक बात है। महाराष्ट्र सरकार के आधिकारिक आदेश पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। भारतीय गाय की नस्लों का संरक्षण, विकास होना चाहिए। किसानों को देसी नस्लों के पालन के लिए प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
महाराष्ट्र बीजेपी सरकार के इस फैसले को कुछ लोगों ने राजनीतिक बताया है। महाराष्ट्र में चुनाव आ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने यह आदेश जारी किया है, ऐसी बातें सामने आ रही हैं। वहीं कई हिंदू संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। गाय को राज्यमाता का दर्जा तो कब का मिल जाना चाहिए था। लेकिन देर आए दुरुस्त आए, अब सही जगह मिली है। वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे चुनावी स्टंट बताया है। लेकिन चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी शिवसेना की सरकार ने मास्टर स्ट्रोक दिया है, ऐसी बातें सामने आ रही हैं।