महाराष्ट्र में मानसून सत्र अपडेट: पूर्व संध्या पर परंपरागत हाई-टी पार्टी का विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार

शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार समूह) सहित विपक्षी खेमे ने रविवार को चाय पार्टी का बहिष्कार किया। सोमवार से चलने वाले मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर चाय पार्टी का आयोजन किया गया था।

Maharashtra Opposition boycott Mansoon session Tea party: महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ऑल पार्टी टी पार्टी का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार विपक्ष ने सरकार की टी पार्टी का बहिष्कार कर दिया है। शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार समूह) सहित विपक्षी खेमे ने रविवार को चाय पार्टी का बहिष्कार किया। सोमवार से चलने वाले मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर चाय पार्टी का आयोजन किया गया था।

शिवसेना (यूबीटी) के विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने रविवार को मीटिंग बुलाई जिसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जयंत पाटिल ने भाग लिया। मीटिंग के बाद दानवे ने कहा कि हमने राज्य सरकार के हाई-टी निमंत्रण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। राज्य सरकार कई मोर्चों पर लोगों की समस्याओं को हल करने में विफल रही है। दानवे ने कहा कि संवैधानिक मानदंडों पर इस सरकार की वैधता पहले से ही सवालों के घेरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्ष पर दबाव बनाने और उन्हें सरकार में शामिल होने या झूठे आरोपों और उत्पीड़न का सामना करने के लिए मजबूर करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने की नीति अपनाई है।

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विपक्ष ने लगाया संवैधानिक मानदंडों की अवहेलना का आरोप

दानवे ने कहा कि हम महाराष्ट्र में लोकतंत्र की एक भयावह तस्वीर देख रहे हैं क्योंकि कई संवैधानिक मानदंडों की अवहेलना की जा रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री खुद अयोग्यता का सामना कर रहे हैं। राज्य औद्योगिक विकास में पिछड़ रहा है क्योंकि कुछ परियोजनाएं जो केवल महाराष्ट्र में स्थापित की जा सकती थीं, वे अन्य राज्यों में चली गई हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर रत्नागिरी जिले में रिफाइनरी परियोजना को स्थानीय लोगों की सहमति के बिना आगे बढ़ाया जा रहा है।

क्या कांग्रेस करेगी नेता विपक्ष पद के लिए दावा?

यह पूछे जाने पर कि क्या एनसीपी में विभाजन के मद्देनजर कांग्रेस विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करेगी? बालासाहेब थोराट ने कहा कि कांग्रेस के पास 45 विधायक हैं और हम एलओपी पद के लिए दावा कर सकते हैं। हालांकि, इस पद के लिए उम्मीदवार के नामांकन का फैसला दिल्ली में वरिष्ठ नेता करेंगे। नियमों के मुताबिक, विधानसभा अध्यक्ष से मान्यता मिलने के बाद ही नेता प्रतिपक्ष का पद आधिकारिक होता है।

अजीत पवार के सरकार में शामिल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद है खाली

दरअसल, महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल एनसीपी के पास नेता प्रतिपक्ष का पद था। शरद पवार के भतीजा अजीत पवार नेता प्रतिपक्ष थे। लेकिन बीते दिनों एनसीपी के 8 विधायकों के साथ वह शिंदे सरकार में शामिल हो गए। अजीत पवार के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है।

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