मराठा आरक्षण के लिए शुरू हुआ आंदोलन खत्म करने का ऐलान, राज्य सरकार ने दो महीने में मुद्दे को हल करने का दिया आश्वासन

महाराष्ट्र के चार मंत्रियों ने मनोज जरांगे से मुलाकात की। उन्होंने उनसे नौ दिन से जारी अनशन खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल में मराठा आरक्षण पर आठ दिसंबर को चर्चा होगी।

 

Dheerendra Gopal | Published : Nov 2, 2023 2:56 PM IST / Updated: Nov 02 2023, 08:56 PM IST

Maratha Andolan called off: मराठा आंदोलन को खत्म कर दिया गया है। सरकार के आश्वासन के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन के कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने अनशन समाप्त करने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने दो महीने में मराठा आरक्षण के मुद्दे का हल निकालने का आश्वासन दिया है। मनोज जरांगे ने कहा कि जब तक सभी मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, वह तब तक अपने घर में प्रवेश नहीं करेंगे।

चार मंत्रियों ने आंदोलनस्थल पर पहुंच कर किया अनुरोध

मराठा आरक्षण के लिए बीते नौ दिनों से मनोज जरांगे आमरण अनशन कर रहे थे। पूरे राज्य में जेल भरो आंदोलन के साथ साथ कई तरह के आंदोलन और धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। कई जगहों पर मराठा आंदोलन उग्र रूप भी धारण कर लिया था। नौवें दिन गुरुवार को राज्य सरकार के चार मंत्री मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारी मनोज जरांगे को आश्वासन दिया कि दो महीने के भीतर सरकार इस मुद्दे का हल निकालेगी। मंत्रियों के सरकार की ओर से आश्वासन के बाद मनोज जरांगे ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि जब सभी मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता तबतक वह अपने घर में प्रवेश नहीं करेंगे। जरांगे ने कहा कि यदि दो महीने में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो मुंबई में मराठा आरक्षण विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल में मराठा आरक्षण पर आठ दिसंबर को चर्चा का आश्वासन दिया गया है।

यह भी पढ़ें: वो गंदे सवाल पूछ रहे थे...महुआ मोइत्रा ने संसदीय पैनल पर लगाया संगीन आरोप

25 अक्टूबर को शुरू किया था आमरण अनशन

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था। उनके आमरण अनशन शुरू होने के बाद राज्य में दोबारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जरांगे ने इससे पहले अगस्त में भी ऐसा ही विरोध-प्रदर्शन किया था। जरांगे ने मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर सबसे पहले 29 अगस्त को प्रदर्शन शुरू किया था। जरांगे ने उस समय 14 सितंबर को भूख हड़ताल खत्म करते हुए सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए 24 अक्टूबर तक का समय दिया था।

यह भी पढ़ें:

मराठा आंदोलन की आग में जल रहा पूरा महाराष्ट्र, यहां देखें विरोध से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

Share this article
click me!