मालाबार हिल पुलिस ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे निलंबित आयकर अधिकारी विक्रम बत्रा और उनकी पत्नी प्रियंका बत्रा के खिलाफ दक्षिण मुंबई ने एक व्यवसायी से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है।
मुंबई. मालाबार हिल पुलिस ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे निलंबित आयकर अधिकारी विक्रम बत्रा और उनकी पत्नी प्रियंका बत्रा के खिलाफ दक्षिण मुंबई ने एक व्यवसायी से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि दंपति ने एक साल के भीतर हाई रिटर्न के लिए उनकी कंपनी में निवेश करने का झांसा देकर उनसे 48 लाख रुपये ठग लिए।
1. गारमेंट व्यवसाय से जुड़े 52 वर्षीय बिपिन अग्रवाल ने शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
2. पुलिस को बताया कि बिपिन अग्रवाल ने 2006 में बत्रा की कंपनी एआरजे इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करना शुरू किया और वर्षों में कुल 57 लाख रुपये लगाए। 2006 और 2013 के बीच, दंपति ने उन्हें केवल 9 लाख रुपये वापस किए।
3. शिकायतकर्ता के अनुसार, वे वर्षों से उच्च रिटर्न का वादा कर रहे थे, लेकिन 48 लाख रुपये की बची हुई निवेश राशि भी वापस करने में विफल रहे हैं।
4.अग्रवाल ने शिकायत में कहा है कि 2019 में, उन्होंने विक्रम को एक व्हाट्सएप मैसेज भेजा था, जिसमें पुलिस शिकायत दर्ज करने की उनकी योजना के बारे में चेतावनी दी गई थी। जवाब में, विक्रम ने कथित तौर पर उसके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो में मामला दर्ज करने की धमकी दी। उसने पुलिस को इन टेक्स्ट मैसेज के स्क्रीनशॉट दिए हैं।
5.बिजनेसमैन ने शिकायत में आरोप लगाया कि उसने एआरजे इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों को कथित धोखाधड़ी के बारे में सूचित किया।
6. शिकायत में कहा गया कि इसके बाद, कंपनी के निदेशकों में से एक समीर नाटेकर ने उन्हें अगस्त 2019 में एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया था कि उनकी शेष राशि 2 लाख रुपये की किश्तों में लौटा दी जाएगी, लेकिन वो भी कभी नहीं मिली। पुलिस में कंपनी के डायरेक्टरों के खिलाफ भी FIR लिखवाई गई है।
7. FIR के अनुसार, अग्रवाल 2004 में अमेरिका में रहने वाले अपने एक दोस्त के जरिए बत्रा परिवार से मिले थे।
8. अग्रवाल ने अपने बयान में कहा, "उन्होंने मुझे बताया कि उनकी कंपनी पूरे भारत में संपत्तियां खरीद रही है और प्रियंका बत्रा के पास कंपनी का 99 प्रतिशत शेयर है। वे निवेशकों से पैसा लेकर एक साल के भीतर उच्च रिटर्न देते हैं।"
9. विक्रम पहले भी ऐसे कई धोखाधड़ी के मामलों में आरोपी है। 2005 में आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई द्वारा भी जांच की गई थी, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था।
10.2019 में जब विक्रम चेन्नई में तैनात था, तो वित्त मंत्रालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश दिया था। इससे पहले वह आयकर के अतिरिक्त आयुक्त के रूप में मुंबई में तैनात था।
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