सार
एशियानेट न्यूज डॉयलाग (Asianet News Dialogue) में इस बार हमारे साथ हैं कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेशनल सोशल मीडिया कोर्डिनेटर अनिल के एंटनी। इन्होंने हाल ही में एक ट्वीट किया जिसे लेकर कांग्रेस में ही विरोध होने लगा।
Exclusive Interview Anil K Antony. एशियानेट न्यूज डॉयलाग में इस बार हमारे साथ हैं कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेशनल सोशल मीडिया कोर्डिनेटर अनिल के एंटनी जिन्होंने हाल ही में एक ट्वीट करके सु्र्खियां बटोरी हैं। अनिल के एंटनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाने जाते हैं और कांग्रेस के सोशल मीडिया कोर्डिनेटर के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। व कांग्रेस नेता व देश के पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के सुपुत्र हैं और अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। एशियानेट न्यूज के रेजिडेंट एडिटर प्रशांत रघुवासम ने उनसे विशेष बातचीत की है। पेश है बातचीत के मुख्य अंश...
किस बात पर किया विरोध
हाल ही में अनिल के एंटनी ने बीबीसी डाक्यूमेंट्री के विरोध में ट्वीट किया। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस डाक्यूमेंट्री में जो मेन आवाज है वह जैक स्ट्रॉ की है। यह वही व्यक्ति है जिसे इराक युद्ध के लिए जिम्मेदार माना जाता है। अनिल ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसका चरित्र संदेहास्पद रहा है और वह जब भारत या भारत की एकता के बारे में बात करता है तो निश्चिततौर पर शक पैदा होता है। जहां तक बीबीसी की बात है तो मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि किसी भी स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए अभिव्यक्ति की आजादी होनी ही चाहिए लेकिन बीबीसी के पिछले 75 साल का इतिहास देखेंगे तो उन्होंने हमेशा विवाद खड़े करने की कोशिश की है। बीबीसी कई बार कश्मीर को भारत के नक्शे से अलग दिखा चुका है। हाल ही में उन्होंने फिर से ऐसा किया है। अब यह डाक्यूमेंट्री लेकर आए हैं जो भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता पर सवाल खड़े करने वाला है। यही वजह रही कि हमने इसका विरोध किया। बीजेपी से हमारे कई तरह के वैचारिक मतभेद हैं लेकिन जब बात देश की आएगी तो हर नागरिक को अपना फर्ज निभाना होगा।
क्या भारत में बीबीसी को बैन करना चाहिए
इस सवाल के जवाब में अनिल एंटनी ने कहा कि वे यहां किसी को बैन करने या रोकने के लिए नहीं हैं। लोकतंत्र में सबका ओपनियन है और सभी के विचारों का स्वागत होना चाहिए। देश भर में कितने मीडिया हाउस हैं और कितनी विभिन्नताएं हैं लेकिन देश विरोधी प्रोपेगंडा कोई नहीं करता। मजबूत लोकतंत्र में मीडिया की अहम भूमिका है और अभिव्यक्ति की आजादी, कलाकारों की रचनाशीलता, विचारों का सम्मान होना ही चाहिए। किसी पर बैन लगाकर किसी समस्या का समाधान नहीं होना चाहिए। लेकिन इस तरह के काम से आंतरिक परेशानियां बढ़ती हैं तो जरूर सोचना चाहिए कि आखिर गलत कहां हो रहा है।
कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ नहीं लिखा
भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता एके एंटनी के पुत्र और केरल कांग्रेस सहित केंद्रीय कांग्रेस में शामिल अनिल के एंटनी ने कांग्रेस के खिलाफ ट्वीट क्यों किया। इस सवाल के जवाब में अनिल एंटनी ने कहा उन्होंने कांग्रेस या पार्टी की नीतियों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। यह ट्वीट बीबीसी के उपर है, उनकी बनाई डाक्यूमेंट्री के उपर है। बीबीसी का इतिहास देखेंगे तो वे पहले भी इस तरह का काम कर चुके हैं और यही वजह रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी बीबीसी की डाक्यूमेंट्री पर बैन लगाया था। हमारे पॉलिटिकल सिस्टम में विचारों की भिन्नता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं हम विरोधी हैं। हां जब देश हित की बात सामने आएगी तो हमें अपने विचार रखने का पूरा हक है।
क्या यह मुहिम जारी रहेगी
अनिल एंटनी ने अपने ट्वीट में बीबीसी द्वारा बिना कश्मीर के भारत के नक्शे का भी मुद्दा उठाया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे इस मुद्दे को जिंदा रखना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि उनका ऐसा कोई भी इरादा नहीं है। जब उनसे यह पूछा गया कि यह ट्वीट करने से पहले क्या उन्होंने अपने पिता से बात की थी तो अनिल ने कहा कि कई सारे ट्वीट होते हैं जिनके बारे में किसी से कोई डिसकस करने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह पूरी तरह से मेरा अपना ओपिनियन होता है।
क्या किसी देश को दूसरे देश के बारे कुछ कहने का अधिकार है
इस सवाल के जवाब में अनिल के एंटनी ने कहा कि है डेमोक्रेटिक वर्ल्ड में सभी को अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार है। लेकिन यह तभी तक मान्य होना चाहिए जब तक कोई देश आपकी एकता, अखंडता और संप्रभुता पर चोट नहीं करता है। यदि कोई देश किसी खास एजेंडे को लेकर विचार सामने रखता है तो हमें जरूर सोचना चाहिए कि इसे स्वीकार करना है या नहीं करना है।
क्या 2002 के दंगों के लिए मोदी जिम्मेदार हैं
इस सवाल के जवाब में अनिल के एंटनी ने कहा कि मुझे इस विषय पर कुछ भी नहीं कहना है। पूरा देश जानता है कि कितनी जांच हुई। एसआईटी जांच की गई। बीजेपी और आरएसएस के कई नेताओं को सजा भी हुई। ऐसे में मैं कौन होता हूं जो किसी को गुनहगार या बेगुनाह कहूं। जब उनस पूछा गया कि पार्टी मोदी को ही गुनहगार मानती है तो उन्होंने कहा कि मैंने जो ट्वीट किया है, वह न तो गुजरात दंगों के बारे में है और न ही नरेंद्र मोदी के बारे में है। हमने बीबीसी और उस डाक्यूमेंट्री की बात की जो विवादित है। हमने इराक युद्ध की बात की है।
अपने ही पार्टी नेताओं की आलोचना क्यों
इस सवाल के जवाब में अनिल के एंटनी ने कहा कि मेरे ट्वीट करने के बाद किसी ने यह नहीं सोचा कि मैंने किस आधार पर यह बातें कही हैं। केरल और दिल्ली के कई नेताओं ने कहा कि ट्वीट को डिलिट कर दो, पार्टी से माफी मांग लो, यह सब नहीं होना चाहिए। अनिल ने कहा कि मैंने अपनी समझ और संवेदना से यह बातें लिखीं और लोगों ने मेरी बात की गहराई को समझे बिना इसे गलत बताने की कोशिश की, इसलिए मुझे आलोचना करनी पड़ी।
केरल में भी मेरा बहुत विरोध हुआ
अनिल के एंटनी ने कहा कि 2019 में जब हमने केरल में कांग्रेस पार्टी के डिजिटल का काम शुरू किया तो पार्टी के भीतर ही कई सारे हैकर्स ने काम किया जिनको मुझसे दिक्कत रही। हमने डॉ. शशि थरूर का सपोर्ट किया जिसकी वजह से भी लोग नाराज रहे और काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश की है। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा क्योंकि मैं व्यक्तिगत आलोचना में विश्वास नहीं रखता लेकिन कई सारे लोग ऐसे रहे जिन्होंने विरोध किया। मेरा मानना है कि हम राजनीति में है और देश में युवाओं की संख्या ज्यादा है तो हमें नीतियों पर बात करनी चाहिए।
राहुल गांधी बेहतरीन लीडर
अनिल के एंटनी ने कहा कि मैं शशि थरूर के साथ 2019 से जुड़ा हूं और जब कांग्रेस प्रेसीडेंट की बात आई तो हमने थरूर का सपोर्ट किया। शशि थरूर कांग्रेस ही नहीं भारत के ऐसे नेता हैं जो किसी भी पद पर बेहतर काम कर सकते हैं। यही वजह रही कि हमने उनका सपोर्ट किया है लेकिन पार्टी ने थरूर जैसे व्यक्ति को वह स्थान नहीं दिया जिसके वे हकदार हैं। यह पार्टी के लिए भी लॉस है। जहां तक राहुल गांधी का सवाल है तो वे अच्छे नेता हैं और भारत जोड़ो यात्रा से उन्होंने बड़ी लकीर खिंची है। आजादी के पहले और बाद भी कांग्रेस में कई बड़े नेता रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं कोई नेता बेहतर है तो दूसरा खराब हो गया। एक सवाल के जवाब में एंटनी ने कहा कि वे बीजेपी ज्वाइन नहीं करने वाले हैं।
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