
जयपुर. राजस्थान में हाल ही में आयोजित सरकारी नौकरी पशु परिचर की परीक्षा में 7 लाख से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहे, जिससे राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड काफी चिंतित है। बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने इस मामले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि किसी परीक्षा में 5 से 7 प्रतिशत अभ्यर्थियों का अनुपस्थित होना सामान्य है, लेकिन 40 प्रतिशत अभ्यर्थियों का परीक्षा छोड़ देना बहुत ही निराशाजनक है। इसके परिणामस्वरूप बोर्ड को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बोर्ड अपनी कमियों को सुधारने का प्रयास करेगा और उम्मीद जताई कि भविष्य में युवा अपनी जिम्मेदारी समझते हुए परीक्षाओं में फॉर्म भरेंगे।
यह परीक्षा प्रदेश के 33 जिलों में कुल 942 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसके बावजूद, 7 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया, जिससे बोर्ड को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहले REET परीक्षा 25 जिलों में आयोजित की गई थी, लेकिन इस बार पहली बार 33 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई थी, फिर भी उपस्थिति केवल 60 प्रतिशत रही। आलोक राज ने इस स्थिति पर सोशल मीडिया के माध्यम से भी निराशा जाहिर की।
अगर परीक्षा में भाग लेने वाले केवल वही लोग फॉर्म भरते, तो कई फायदे हो सकते थे, आलोक राज ने लिखा कि कम संख्या होने से छात्रों को उनके गृह जिलों में सेंटर दिए जा सकते थे, हम लोग काम केंद्र बनते जिसे स्कूलों के बच्चों की छुट्टियां नहीं होती और उनकी पढ़ाई खराब नहीं होती अगर हमें पता होता परीक्षा देने कम बच्चे आएंगे तो हम तैयारी छोटे स्तर पर करते प्रश्न पत्रों का ट्रांसपोर्टेशन से संबंधित सारा खर्चा बच जाता
उधर छात्रों का कहना है इस परीक्षा में बड़े स्तर पर अनुपस्थित रहने का सबसे बड़ा कारण पेपर लीक जैसी घटनाएं हैं जिसके कारण राजस्थान में लगभग हर भर्ती परीक्षा खराब हो जाती है और वह पूरी नहीं हो पाती अब सरकार इस तरह की बड़ी समस्याओं से निपटने की आगे तैयारी करने में जुट गई है
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