राजस्थान में हालही रेलवे ट्रैक पर सीमेंट ब्लॉक रखने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे रेल हादसों का खतरा बढ़ गया है। फुलेरा, बांरा और पाली जिलों में हुई घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। RPF, GRP और पुलिस ने इन साजिशों की जांच शुरू की है।
अजमेर. राजस्थान में बड़े रेल हादसे के लिए लगातार साजिशें चल रही है, हाल ही प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें बड़े हादसे होते-होते बाल-बाल बचे, ट्रेनों के भीषण हादसे कराने के लिए रेलवे ट्रैक पर सीमेंट के पाेल रखे गए, ताकि ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो और यात्रियों को जान और माल का नुकसान हो, इस मामले में अब जीआरपी, आरपीएफ सहित पुलिस भी जांच में जुट गई है, ताकि इन घटनाओं को अंजाम देने की साजिश करने वाले आरोपियों गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सके, ताकि प्रदेश में किसी प्रकार का रेल हादसा नहीं हो।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनाैती
राजस्थान में हाल ही में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें रेलवे ट्रैक पर सीमेंट के ब्लॉक रखे गए थे। इस साजिश का उद्देश्य ट्रेनों को दुर्घटनाग्रस्त करना प्रतीत होता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फुलेरा से अहमदाबाद जा रही मालगाड़ी के सामने अहमदाबाद रूट पर फुलेरा के नजदीक रेलवे ट्रैक पर दो जगह सीमेंट के ब्लॉक रखे गए थे। ये ब्लॉक ट्रैक पर रखे गए थे जिसे ट्रेनों के इंजन तोड़ते हुए निकल गए। इस तरह की घटनाओं ने रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में मांगलियावास थाना पुलिस में रिपोर्ट की गई है।
बाइक स्क्रेप को रेलवे ट्रैक पर फेंका
इससे पहले, पिछले महीने के अंत में बांरा जिले के नजदीक कोटा - बांरा उपखंड में एक और गंभीर घटना घटी। वहां बाइक के स्क्रेप को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया था, जिससे रेल पलटाने की कोशिश की गई। इस घटना के कारण कई ट्रेनें लेट हुईं और यातायात में विघ्न आया। इसके अलावा, पाली जिले में भी ऐसी ही एक घटना घटित हुई थी, जहां रेलवे ट्रैक पर सीमेंट के ब्लॉक रखे गए थे। इन ब्लॉकों के कारण कई ट्रेनें टकराईं और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस कर रही जांच
इन घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है। यह जांच इस बात की तहकीकात करेगी कि इन साजिशों के पीछे कौन लोग हैं और उनकी मंशा क्या थी। इस तरह की घटनाओं से न केवल रेल यातायात प्रभावित होता है, बल्कि यात्रियों की जान और संपत्ति भी खतरे में पड़ती है।
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