राजस्थान के अलवर शहर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां जीवन के नजदीक पहुंच कर भी बुजुर्ग को मौत ही नसीब हुई। इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने के बाद 30 मिनट तक नहीं खुला एंबुलेंस का दरवाजा, बंद एंबुलेंस में तड़प तड़प कर चली गई जान।
अजमेर (ajmer news). घटना राजस्थान के अजमेर शहर की है। शहर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बीमारी के बाद अस्पताल पहुंचने पर भी एक बुजुर्ग की अजीब हालात में मौत हो गई। जिस समय एंबुलेंस से वह अस्पताल पहुंचे, उस समय तक उनकी सांसे चल रही थी। लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद एंबुलेंस का दरवाजा ही नहीं खुला। आधे घंटे तक परिवार के लोग और एंबुलेंस चालक मशक्कत करते रहे इतने में बुजुर्गों की तड़प तड़प कर मौत हो गई। बाद में परिजन शव लेकर वहां से चले गए।
अजमेर में हॉस्पिटल के नजदीक पहुंच कर भी बुजुर्ग को नहीं मिला इलाज
दरअसल अजमेर जिले के सरकारी अस्पताल यानी जेएलएन अस्पताल में कल रात को करीब 1:00 बजे रामसर कुराली गांव के रहने वाले प्रताप नारायण को अस्पताल लाया गया था। 71 साल के प्रताप नारायण कल रात अचानक घर में तबीयत खराब होने के कारण बेहोश हो गए थे । परिवार ने नजदीक ही डॉक्टर को सूचना दी डॉक्टर पहुंचे और प्रताप नारायण को होश में लाया गया । उसके बाद उन्हें तुरंत जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
बीमार बुजुर्ग 30 मिनट तक एंबुलेंस में ही तड़पते रहे
परिवार के लोगों ने निजी एंबुलेंस बुलाई और एंबुलेंस में लेकर अपने पिता को जेएलएन अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल पहुंचने तक प्रताप नारायण की सांसे चल रही थी और वे परिवार से बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे। अस्पताल पहुंचने के बाद तुरंत अस्पताल के स्टाफ ने स्ट्रेचर लाई और प्रताप नारायण को अस्पताल में ले जाने की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन एंबुलेंस से उतरने के बाद एंबुलेंस के गेट लॉक हो गए। चालक 30 मिनट तक कोशिश करता रहा लेकिन वह एंबुलेंस का कोई भी दरवाजा नहीं खोल सका। जब दरवाजा खुला तब तक बुजुर्ग की तड़प तड़प कर मौत हो चुकी थी। उन्हें तुरंत स्ट्रेचर की मदद से अस्पताल में लेकर जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
30 मिनट तक गेट नहीं खुलने से परिजन के साथ एंबुलेंस ड्राइवर भी थे हैरान
परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि अचानक दिल का दौरा पड़ा था लेकिन उन्हें होश था और अगर समय पर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। लेकिन कोई सोच भी नहीं सकता कि अस्पताल में पहुंचने के बाद भी एंबुलेंस का दरवाजे नहीं खुले और पेशेंट की जान चली जाए। निजी एंबुलेंस के चालक ने कहा कि उससे पहले उसकी एंबुलेंस कभी भी खराब नहीं हुई, लेकिन यह पहली बार है कि एंबुलेंस खराब हुई और पहली बार किसी मरीज की जान चली गई। इस बारे में पुलिस को भी जानकारी दी गई है।