
अलवर. अक्सर हमने राजस्थान में हिन्दू - मुस्लिम यह शब्द केवल सांप्रदायिक दंगों के लिए एक साथ लिखा जाता है। लेकिन राजस्थान में अब यह धारणा पूरी तरीके से बदल चुकी है। राजस्थान में अब यह शब्द सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने के लिए लिखा जा रहा है। जहां एक धर्म की युवती के माता - पिता नहीं होने पर मुस्लिम भाइयों ने उसके यहां शादी में भात भरा। इतना ही नहीं वह सभी परंपराएं भी निभाई जो एक भाई भात के दौरान निभाता है।
अलवर के रामगढ़ से दिल जीतने वाली खबर
मामला राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ इलाके का है। यहां के मेवखेड़ा गांव निवासी चंदा के माता-पिता की कई सालों पहले मौत हो चुकी है। उसके दादा ही चंदा और उसके छोटे भाई का पालन पोषण कर रहे थे। जैसे तैसे दादा ने चंदा की शादी के लिए रुपए इकट्ठे किए और उसकी शादी करने की सूची। जिसके बाद चंदा की शादी होने वाली है। लेकिन इसे शादी में कोई भात लेकर आने वाला नहीं था।
मुस्लिम भाई ने हिंदू बहन को कैश और गहने भी तोहफे में दिए
जब इस बारे में रामगढ़ की ही अंजुमन शिक्षा समिति के नसरू खा को पता चला तो वह अपने साथी शौकत,रज्जाक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के साथ ही चंदा के घर पहुंचे और वहां भात में करीब 22400 रुपए सहित अन्य कुछ आइटम गिफ्ट के रूप में दिए। इसके अलावा चंदा के पूरे परिवार को कपड़े भी गिफ्ट किए।
पूरे राजस्थान में हो रही इस जिंदादिली की तारीफ
नसरू और उसके साथियों की इस पहल की सराहना अब पूरे राजस्थान में ही की जा रही है। वहीं इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा नजारा देखने लायक था जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न केवल भात भरा हो बल्कि तिलक लगवाने से लेकर हर एक परंपरा का भी निर्वहन किया।
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