राजस्थान के धौलपुर से दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। जहां वीरभूमि का एक और सपूत कुलदीप युद्ध की तैयारी करते समय शहीद हो गया। प्रैक्टिस के दौरान एक तेज ब्लास्ट होने से जवान की मौत हो गई थी।
धौलपुर (राजस्थान). देश की रक्षा के लिए अपने प्राण त्यागने वाले राजस्थान के शहीद सैनिकों में एक सैनिक का नाम और जुड़ गया है। हालांकि यह हादसा किसी बॉर्डर पर नहीं हुआ लेकिन दुश्मनों को धूल चटाने की तैयारी में राजस्थान के धौलपुर जिले का एक सैनिक शहीद हुआ है....उत्तर प्रदेश के मेरठ में युद्धाभ्यास के सैनिक कुलदीप शहीद हो गया। दरअसल प्रैक्टिस के दौरान एक तेज ब्लास्ट होने से कुलदीप उसमें घायल हो गया। जिसे आज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
4 साल के बेटे ने पिता की चिता को दी आग
जैसे ही शहादत की खबर गांव पहुंची तो गांव में कोहराम मच गया। पार्थिव देह घर पहुंचने के पहले ही गांव में हजारों लोग जमा हो गए। तिरंगा यात्रा से पार्थिव देह शहीद के घर पहुंची। यहां से तिरंगा यात्रा के साथ ही उसे मोक्ष धाम ले जाया गया। शहीद को मुखाग्नि उसके 4 साल के बेटे मन्नू ने दी। मन्नू को यह पता भी नहीं था कि वह अपने पिता को आगे देख पाएगा भी या नहीं।
परिवार के परिवार की तीन पीढ़ियां सेना में है
कुलदीप के घर वालों ने बताया कि जिस दिन उसकी मौत हुई उससे एक दिन पहले ही उसने घर पर अपने पिता से बात की और कहा कि वह 2 महीने बाद छुट्टी लेकर आएगा लेकिन अब उसकी पार्थिव देह घर लौटी। वही शहीद के परिवार की तीन पीढ़ियां सेना में है। पिता गुरनाम सिंह हवलदार के पद से रिटायर्ड हुए। और दादा राजेंद्र सिंह भी सेना में ही थे। कुलदीप को सेना में भर्ती हुए 13 साल हो चुके थे। वह बेलगांव में स्पेशल कमांडो कोर्स कर रहा था। अपनी ड्यूटी के दौरान उसने यह चीज सिक्किम जैसे कई इलाकों में सेवाएं दे चुका है। शहीद के एक बेटे के अलावा दो बेटियां भी हैं। हालांकि तीनों बच्चों की उम्र 18 साल से कम है