
जोधपुर. स्वयंभू संत आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने 2013 के दुष्कर्म मामले में 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है। जमानत मिलने के बाद आसाराम के अनुयायियों में उत्साह का माहौल है। चर्चा है कि वह इस दौरान प्रयागराज महाकुंभ में संगम स्नान और अयोध्या में रामलला के दर्शन करना चाहते हैं। हालांकि, उनके इन यात्राओं पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वर्तमान में वह जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम में हैं।
हाईकोर्ट ने जमानत के लिए कई सख्त शर्तें लगाई हैं। आसाराम अपने अनुयायियों से देशभर में संपर्क नहीं कर सकते और सार्वजनिक रूप से कोई सभा या प्रवचन नहीं दे सकते। इसके अतिरिक्त, जमानत अवधि में उनके साथ तीन पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जिनका खर्च भी उन्हें ही वहन करना होगा। वह केवल अपने इलाज के लिए स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते हैं। इन शर्तों का पालन न करने पर जमानत रद्द हो सकती है।
आसाराम पर 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप साबित हुआ था। अप्रैल 2018 में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। जेल में रहने के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें हाल ही में एक आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती किया गया था। जमानत के बाद वह देर रात अपने आश्रम लौटे, जहाँ उनका अनुयायियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया।
सूत्रों के अनुसार, जमानत अवधि में आसाराम प्रयागराज और अयोध्या जाने की योजना बना रहे हैं। लेकिन अदालत की शर्तों को ध्यान में रखते हुए यह यात्रा संभव होगी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी आसाराम को एक अन्य दुष्कर्म मामले में चिकित्सा के आधार पर राहत दी थी। कोर्ट ने माना कि वह कई बीमारियों से ग्रस्त हैं और उन्हें बेहतर इलाज की आवश्यकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जमानत की अवधि में आसाराम की गतिविधियाँ क्या रहती हैं और क्या वे अदालत की शर्तों का पूरी तरह पालन कर पाते हैं।
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