राजस्थान में 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत जनता को लुभाने के लिए बंपर घोषणाएं करने में लगे हुए हैं। अब गहलोत सरकार ने एक ऐसा नियम बना दिया है कि सरकार किसी की आ जाए, लेकिन उनका नियम नहीं बदल पाएंगे।
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव की अब उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस चुनावी साल में लगातार एक के बाद एक नई घोषणा कर रहे है। इसी बीच अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 14 जुलाई से शुरू होने जा रही विधानसभा में एक ऐसा बिल लाने जा रहे हैं जिसके बाद चाहे सत्ता में सरकार कोई भी आ जाए लेकिन गहलोत का आदेश कोई भी नहीं टाल सकेगा। वही सबसे खास बात तो यह है कि यह बिल राजस्थान में गरीबों के उत्थान के लिए लाया जा रहा है। इसके बाद सत्ता में रहने वाली कोई भी पार्टी गरीबों की पेंशन और रोजगार का हक उनसे नहीं छीन पाएगी।
गरीब लोगों के लिए गहलोत सरकार की बंपर स्कीम
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा में महात्मा गांधी मिनिमम गारंटी इनकम बिल 2023 लेकर आ रहे है। इस बिल के तहत राजस्थान में जिन लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलती है उन्हें हर साल 15% की बढ़ोतरी की जाएगी। इसके अतिरिक्त गांव और शहरों में लोगों को 125 दिन का रोजगार देना भी कानूनी रूप से अनिवार्य हो जाएगा। वही इस बिल के तहत बुजुर्ग,विधवा और एकल महिला को कम से कम ₹1000 हर महीने पेंशन देने का प्रावधान भी शामिल होगा। सरकार इस बिल को लाने की मंशा है कि गरीब और जरूरतमंद का हमेशा विकास हो और महंगाई के साथ-साथ उन्हें मिलने वाली आर्थिक मदद भी बढ़ती जाए।
राजस्थान में करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोग सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रहे
भले ही सरकार इसे गरीबों के उत्थान के लिए जरूरी बता रही है लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह बिल लाने से राजस्थान के करोड़ों लोग कांग्रेस के पक्ष में आएंगे क्योंकि वर्तमान में राजस्थान में करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोग सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रहे हैं। इसलिए सीएम अशोक गहलोत ने यह मास्टरस्ट्रोक सोचा है जिसके चलते यह सभी कांग्रेस के फेवर में आ जाएंगे। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा पहले बजट में ही कर दी थी। इसके लिए अतिरिक्त 2500 करोड़ बजट का प्रावधान भी किया गया था।