राजस्थान में क्यों पहली बार मोदी vs गहलोत?, क्या है इसकी वजह...क्यों दिग्गज नेता साइड लाइन

Published : Oct 09, 2023, 12:59 PM ISTUpdated : Oct 09, 2023, 06:48 PM IST
Ashok Gehlot vs PM Modi  for rajasthan election 2023

सार

चुनाव आयोग ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। 23 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। election Election Commission declare 

जयपुर. राजस्थान के विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। 23 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनाव की तारीख का ऐलान होते आचार संहिता शुरू हो गई है ।  आचार संहिता लगने के बाद अब चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे सभी दल एक्टिव हो गए हैं और पूरा फोकस अब चुनाव पर आ गया है। अब कोई भी दल जनता से लुभावने वादे ना तो कर सकेगा, ना उन्हें पूरा कर सकेगा। सबसे बड़ी बात राजस्थान में होने वाला यह चुनाव इस बार सबको चौंकाने वाला रहेगा क्योंकि देश के दो दिग्गज नेताओं के बीच में यह चुनाव होने जा रहा है। यहां मामला सीएम अशोक गहलोत बनाम पीएम मोदी हो गया है।

राजस्थान में मोदी वर्सेस गहलोत?

दरअसल इस बार मुख्यमंत्री के लिए भारतीय जनता पार्टी में किसी भी राज्य में चेहरे का ऐलान नहीं किया है, यानि भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने वाली है । जबकि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक तरह से खुद को ही फिर से मुख्यमंत्री के लिए प्रमोट करना काफी समय से शुरू कर दिया है । यानी यह माना जा रहा है कि इस बार का चुनाव मोदी वर्सिज गहलोत का रहने वाला है । होने को तो देश के पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं , लेकिन राजस्थान का यह चुनाव इस बार सबको हैरान करने वाला साबित होगा।

1 साल में कई बड़ी जनसभाएं लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का जलवा रहा फीका

चुनाव की तैयारी राजस्थान में करीब साल भर से हो गई है और 1 साल में 10 से ज्यादा बार तो प्रधानमंत्री खुद राजस्थान में अलग-अलग शहरों के दौरे पर आ चुके हैं । उसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भारतीय जनता पार्टी में बड़े पदाधिकारी अमित शाह जैसे बड़े नेता भी कई बार राजस्थान आ चुके हैं । राजस्थान में कई शहरों में चुनावी सभाएं और रैलियां की गई है, उनमें राजस्थान के बड़े नेता जिनमें वसुंधरा राजे भी शामिल है उनको भी बुलाया गया हैं , लेकिन इस बार पहली दफा वसुंधरा राजे का जलवा फीका दिख रहा है । यह माना जा रहा है कि इस बार वसुंधरा राजे सीएम का फेस नहीं होगी । पार्टी जो भी उन्हें जिम्मेदारी देगी वह जिम्मेदारी उन्हें निभानी होगी। ऐसा पहली बार हो रहा है कि वसुंधरा राजे इस बार कार्यक्रमों में मौजूद तो रही है लेकिन उन्हें बोलने का मौका बेहद कम मिला है।

इससे पहले जिस भी कार्यक्रम में वसुंधरा राजे पहुंचती थी अक्सर वे ही उसे लीड करती थी।‌ मैसेज साफ है कि वसुंधरा राजे से पार्टी हाई कमान पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है ,इसके कारण कुछ भी हो सकते हैं।

2. अब बात कांग्रेस हाई कमान की, सीएम से खुश है कांग्रेस

राजस्थान में पिछले कुछ महीनो में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई बड़े नेता जयपुर एवं अन्य शहरों में रैलियां कर चुके हैं । हर बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही सभा को लीड करते हुए दिखे हैं । पार्टी हाई कमान में से किसी ने भी ना तो मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में जिक्र किया है और ना ही वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काम से नाराजगी जताई है। मैसेज साफ है कि पार्टी हाई कमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काम से खुश है और इस बार भी वही सीएम का फेस होंगे यह लगभग तय है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ही अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी।

यह भी पढ़ें-Rajasthan Election 2023 की घोषणाः 23 नवंबर को वोटिंग, 3 दिसंबर को रिजल्ट

 

 

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