राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में मुहर्रम के जूलूस के दौरान शरबत पीने से बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ गई। रात में अस्पतालों के ताले तोड़कर मरीजों का इलाज शुरू किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दूषित पानी से बने शरबत के सैंपल उठाए हैं।
बांसवाड़ा. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में देर रात बारह बजे के बाद ऐसा हडकंप मचा कि सरकारी अस्पतालों के ताले तोड़ दिए लोगों ने। अस्पताल में रात दो बजे डॉक्टर्स बुलाए गए और उसके बाद इलाज शुरू किया गया जो अभी तक भी जारी है। दरअसल बासवाड़ा इलाके में मुहर्रम के जूलूस के दौरान समाज के लोगों ने शरबत की स्टॉल लगाई थी, इस शरबत को पीने के बाद बच्चे और बुजुर्ग बीमार होने लगे और उल्टी दस्त के शिकार हो गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल उठाए हैं। अस्पतालों में डॉक्टर्स की अतिरिक्त बंदोबस्त की गई है।
मुहर्रम के जूलूस में लोगों को पिलाई जा रही थी यह ड्रिंक
दरअसल हर साल की तरह इस साल भी बांसवाड़ा शहरसे मुहर्रम का जूलूस निकाला जा रहा था। इस दौरान अलग अलग जगहों पर शरबत की छबील लगाई गई थी। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी शरबत का आंनद ले रहे थे। लेकिन देर रात करीब एक बजे के आसपास बच्चों को उल्टी होने लगी और अचानक ये संख्या बढ़ने लग गई। परिवार के लोग घबरा गए। तुरंत महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया जो करीब चार से पांच किलोमीटर की दूरी पर था। वहां तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ने लग गई।
बांसवाड़ा के कलेक्टर, एसपी और डॉक्टर्स की टीम मौके पर
इस दौरान नजदीक ही स्थित सरकारी डिसपेंसरी में भी मरीज आने लगे लेकिन वहां पर ताला लगा होने के कारण डॉक्टर नहीं थे। लोगों ने डिसपेंसरी का ताला तोड़ दिया। बाद में कलक्टर, एसपी और डॉक्टर्स की टीम मौके पर पहुंची। तड़के चार बजे तक इस डिसपेंसरी में ही पचास से ज्यादा लोग भर्ती कर लिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम का मानना है कि दूषित पानी से बना होने के कारण शरबत इंफेक्शन कर गया है। सवेरे दस बजे तक भी महात्मा गांधी अस्पताल और सरकारी डिसपेंसरी में करीब एक सौ पचास मरीज भर्ती थे।
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