
राजस्थान के बाड़मेर जिले में शनिवार दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। जहां दो सगे भाई एक ही कमरे में जिंदा जल गए। वहीं उनका तीसरा भाई भी आग में झुलस गया, जिसे गंभीर हालत में पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस भयानक हादसे से इलाके में कोहराम मच गया है। दो दिन बाद ही दिवाली की खुशियां मातम में बदल गईं।
दरअसल, यह दर्दनाक घटना। बाड़मेर जिले के ग्रामीण थाना इलाके के जस्तानियो की ढाणी भाड़खा की है। जहां देवीलाल रात को अपने भाई शंकरराम के घर दिवाली मनाने के लिए गए हुए थे। शनिवार रात वह अपने पूरे परिवार के साथ सोए थे। वहीं दूसरे कमरे में उनके दोनों बेटे सोए थे। अरुण (19) राजूराम (12) अपने चचेरे भाई जसराम के साथ सोए थे। लेकिन अचानक तड़के सुबह पांच बजे के आसपास कमरे में आग लग गई। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले आग पूरे घर में फैल गई, तेज लपटों नें तीनों को भाइयों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें देखकर परिवार के सदस्य और ग्रामीण भागते हुए आए। जसराम को किसी तरह बाहर निकाल लिया गया। लेकिन अरूण और राजूराम नहीं निकल सके। अंत में उनकी जिंदा जलकर ही मौत हो गई।
मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी राजूराम बामणिया ने बताया- प्रारंभिक तौर पर शॉर्ट सर्किट से आग लगने की वजह बताई जा रही है। वहीं FSL टीम मौके सबूत जुटा रही है। जिले के एसपी और अन्य प्रशासन के अधिकारी मौके पर हैं। दोनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं। वहीं घायल बच्चे जसराज को बाड़मेर हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने के कारण जोधपुर रेफर कर दिया गया है। बता दें कि मृतक अरुण मुंबई में प्लास्टिक कप बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता था। जो कि अपने परिवार के साथ चाचा के घर दीपावली पर गांव आया हुआ था। वहीं राजूराम 7वीं कक्षा में पढ़ता था।
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