
barmer waste land turned into garden: जहां कभी बदबू और गंदगी का अंबार हुआ करता था, आज वहां खुशबू है, हरियाली है, और सुकून है। राजस्थान के बाड़मेर में एक बेटे ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए ऐसा काम कर दिखाया है, जिसकी मिसाल पूरे देश में दी जा सकती है। भामाशाह परिवार ने एक पुराने कचरा डिपो को मॉडर्न गार्डन में बदल दिया, और वो भी अपने पिता की स्मृति में। करीब एक करोड़ रुपए खर्च कर बने इस पार्क ने शहर के सौंदर्य को नया जीवन दे दिया है।
यह स्मृति पार्क भामाशाह तनसिंह चौहान मार्ग के पास बनाया गया है, जिसे स्व. लीलाराम जांगिड़ की स्मृति में समर्पित किया गया है। उनकी पत्नी छगनी देवी ने गुरुवार शाम इसका विधिवत लोकार्पण किया। इस मौके पर जिला कलेक्टर टीना डाबी, यूआईटी सचिव श्रवण सिंह राजावत, और कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
करीब तीन बीघा जमीन में फैले इस पार्क पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पार्क में निम्न सुविधाएं उपलब्ध हैं:
यह पार्क शास्त्री नगर, गांधी नगर, कल्याणपुरा, और रेलवे कॉलोनी जैसे क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रहा है। पहले जहां बदबू और गंदगी होती थी, अब लोग सुबह-शाम टहलने और योग करने के लिए यहां आ रहे हैं।
स्व. लीलाराम जांगिड़ के बेटे ओमप्रकाश जांगिड़ ने बताया कि उनके पिता बेहद सादगीभरे और मिलनसार व्यक्ति थे। यह पार्क उनके जीवन के मूल्यों और समाजसेवा के विचारों को समर्पित है।
यह कार्य ‘नवो बाड़मेर अभियान’ के तहत जिला प्रशासन और समाजसेवी भामाशाहों के सहयोग से संभव हो पाया है। कलेक्टर टीना डाबी के नेतृत्व में बाड़मेर की सुंदरता और नागरिक सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है।
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