भरतपुर में बड़ा गड़बड़ घोटाला: PWD मंत्री के क्षेत्र में बन रही घटिया सड़क, MP रंजीता कोली ने CM गहलोत को लिखा खत

घटिया और खराब सड़कों का मुद्दा राजस्थान ही नहीं देश भर में नया नहीं है। PWD अधिकारी घोटाला करके ऐसा नकली माल मिला कर रोड बनाते है कि वह कुछ ही दिनों में उखड़ जाती है। भरतपुर में भी हो रहा था ऐसा ही कांड। तभी निरीक्षण करने पहुंच गई एमपी रंजीता कोली।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jun 5, 2023 8:24 AM IST / Updated: Jun 05 2023, 03:22 PM IST

भरतपुर (bharatpur news). केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे भारत में ही हमेशा खराब सड़कों का मुद्दा छाया रहता है। कहीं सड़के नहीं बनती है तो कहीं घटिया क्वालिटी की सड़के बना दी जाती है जो 1 महीने में ही उखड़ जाती है। हालांकि हर बार आम जनता ही इस बारे में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को अवगत करवाती है। लेकिन राजस्थान में पहली बार अनोखा मामला सामने आया है जब सड़क निर्माण की घटिया क्वालिटी के बारे में आम जनता ने नहीं बताया बल्कि सांसद को पता चला है।

भरतपुर में बन रही सड़क के निर्माण को लेकर आ रही थी शिकायतें

दरअसल भरतपुर की सांसद रंजीता कोली को वेर से हलेना जाने वाली सड़क की कई दिनों से शिकायतें आ रही थी। इन शिकायतों के बाद सांसद खुद ही निर्माणाधीन सड़क का दौरा करने के लिए पहुंच गई। जहां उन्हें पता चला कि सीसी सड़क में सीमेंट गिट्टी के साथ मिट्टी लगाई जा रही थी। हालांकि इससे पहले यह बात आम जनता ने अधिकारियों को भी बताई लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। वहीं लोगों का आरोप था कि ठेकेदार भी उन्हें धमकाते हैं। वहीं सांसद से जब अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की तो वे हॉलिडे होने का हवाला देते हुए जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया।

रोड निर्माण का दौरा करने पहुंची भरतपुर एमपी रंजीता कोली

वहीं शिकायत मिलने के बाद रोड कंस्ट्रक्शन के काम का दौरा करने गई सांसद ने कहा कि यह मंत्री भजनलाल का इलाका है। लेकिन उसके बाद भी यहां घटिया सड़कें बनाई जा रही है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ज्यादा कमीशन के लिए अपने खास ठेकेदारों को सड़क बनाने का ठेका दे देते हैं और फिर ऐसे सड़क बनती है जो 10 दिन में ही उखड़ जाती है। घटिया रोड कंस्ट्रक्शन की जानकारी देते हुए सांसद ने सीएम अशोक गहलोत को लेटर लिखा है।

यदि बात करें सरकारी नियमों की तो राजस्थान में मंत्री स्तर के नेताओं को यह दर्जा है कि संतुष्ट नहीं होने पर वह जांच राजधानी के अधिकारियों से करवा सकते हैं। यदि लापरवाही मिलती है तो सड़क बनाने वाली फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है इसके अलावा अधिकारी के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।

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