राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में कुछ ही महीनों का समय बचा है। इस दौरान दिग्गज पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। जहां कांग्रेस सरकार महंगाई राहत शिविर चला रही है। वहीं बीजेपी ने भी मास्टर प्लान तैयार किया है।
जयपुर, 5 जून. राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब करीब 5 महीने से भी कम समय बचा है। देश की दिग्गज पार्टी भाजपा और कांग्रेस दोनों ने चुनावी तैयारी पूरे जोर-शोर से शुरू कर दी है। एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार महंगाई राहत कैंपों के जरिए लोगों को लुभाने में लगी हुई है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने भी वोटर्स को साधने के लिए नया मास्टर प्लान बनाया है। वर्तमान में केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर जहां भारतीय जनता पार्टी पूरे राजस्थान के 33 जिलों में 1 महीने तक अलग-अलग कार्यक्रम कर रही है।
भाजपा पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बनाया मास्टर प्लान
इसी बीच अब भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। भारतीय जनता पार्टी अब मुस्लिम वोटर्स के घर-घर जाकर डोर टू डोर संपर्क करेगी बकायदा इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। जल्द ही यह अपना काम शुरू कर देंगे। इसमें राजस्थान के लिए प्रभारी तो बनाया गया है प्रोग्राम इसके अलावा जिला स्तर पर भी अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी दी जाएगी।
इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम वोटर साधना है जरूरी
आपको बता दें कि भले ही राजस्थान में लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर को साधना ज्यादा जरूरी नहीं होता है। लेकिन विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर्स को साधना इसलिए जरूरी है क्योंकि मुस्लिम आबादी आज भी ज्यादातर राजस्थान में शहरों में ही बसी है। राजस्थान में करीब 100 से ज्यादा ऐसी विधानसभा सीटें हैं जिनमें मुस्लिम आबादी करीब 45 से 50% है। ऐसे में चुनाव जीतने के लिए यह वोट मिलना भी पार्टी को जरूरी है।
यदि आंकड़ों की बात करें तो आज भी राजस्थान में मुस्लिम वोटर्स ज्यादा कांग्रेस के साथ ही हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए चुनावों के दौरान निर्दलीय या अन्य पार्टियों से मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारती है।
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