
भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर जिले में रहने वाले किसानों के लिए गुड न्यूज़ है। केंद्र सरकार की नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल योजना के तहत छोटे स्तर की ऑयल मिल लगाने के लिए यह पैसा दिया जाएगा। राजस्थान का भरतपुर शहर पूरे देश में सरसों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के किसान केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत इस योजना का लाभ उठा सकेंगे ।
दरअसल, लगातार महंगे हो रहे खाद्य तेल की कीमत को कंट्रोल करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। साथ ही बेरोजगारों को रोजगार का भी सुनहरा अवसर है । स्मॉल स्केल पर ऑयल मिल लगाने के लिए करीब 30 से 35 लाख रुपए तक का खर्च आता है। इसके लिए करीब 30 फ़ीसदी तक पैसा केंद्र सरकार की योजना के तहत दिया जाएगा, बाकी पैसा किसान को अपने स्तर पर अर्जित करना होगा । यह पैसा 10 टन प्रोसेसिंग क्षमता की ऑयल मिल लगाने के लिए दिया जाएगा ।
इसके लिए किसान को केंद्र सरकार की नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल सी योजना के तहत आवेदन करना होगा । इस योजना के लिए सरकार ने 10000 करोड रुपए का फंड मंजूर किया है और यह 2024\25 से लेकर 2031 तक लागू रहेगी। राजस्थान में कृषि विभाग की अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में उन फसल को शामिल किया जाएगा जिनका तेल निकाला जाता है और बाजार में बेचा जाता है। इनमें सरसों , मूंगफली , सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल जैसी तिलहन फसलों को शामिल किया गया है ।
उल्लेखनीय है कि इस योजना से राजस्थान के भरतपुर जिले और आसपास के जिले में रहने वाले किसानों को ज्यादा फायदा होगा। भरतपुर और आसपास के इलाकों में करीब सवा लाख से भी अधिक हेक्टेयर में सरसों और अन्य तिलहन फसलों की बुवाई की जाती है । सरसों का तेल बेचने वाले देश के बड़े ब्रांड भी भरतपुर शहर से ही है।
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