गटागट देसी घी-बादाम क्यों गटक रहे हैं इस शहर के ऊंट, वजह बिल्कुल अलग

Published : Jan 08, 2025, 07:05 PM IST
Camel is drinking ghee like water

सार

बीकानेर कैमल फेस्टिवल में ऊंटों को मिल रही है रॉयल ट्रीट! घी, दूध, बादाम से लेकर मूंगफली तक, जानिए कैसे ऊंट पालक अपने ऊंटों को दमदार बना रहे हैं।

जैसलमेर. बीकानेर के कैमल फेस्टिवल ने ऊंटों के जीवन को नई दिशा दी है। ऊंट, जो परंपरागत रूप से रेगिस्तान का जहाज कहलाते हैं, अब आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इस फेस्टिवल में ऊंटों की सजावट और उनकी देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ऊंट पालक अब ऊंटों को पारंपरिक चारे से आगे बढ़कर खास 'रॉयल डाइट' पर रखते हैं। 10 जनवरी से 12 जनवरी तक बीकानेर में कैमल फेस्टिवल का आयोजन राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेंट कर रहा है।

गटागट देसी घी क्यों गटक रहे हैं इस शहर के ऊंट

सरफराज खान, जो अपने ऊंटों की शानदार देखभाल के लिए जाने जाते हैं, ने बताया, “हम ऊंटों को सुबह-शाम मोठ और मूंगफली का चारा देते हैं। इसके अलावा दूध, घी और काजू-बादाम जैसी पोषक चीजें भी उनकी खुराक में शामिल की गई हैं। यह न केवल ऊंटों को स्वस्थ बनाती है, बल्कि उनकी त्वचा और बालों की चमक भी बढ़ाती है।”

ऊंटों के लिए बेहद खास है कैमल फेस्टिवल

इस फेस्टिवल में ऊंटों की फर कटिंग, सजावट, और दौड़ जैसी प्रतियोगिताएं होती हैं। पिछले साल सरफराज खान का ऊंट फर कटिंग प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहा था। इस बार वे अपने ऊंट को और बेहतर तरीके से तैयार कर रहे हैं। उनका ऊंट करीब 800 किलो का है, और उसे रोजाना दो किलो दूध और 300 ग्राम घी दिया जा रहा है।

50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ते हैं ऊंट

बीकानेर के ऊंट पालक अब ऊंटों को केवल कामकाजी जानवर नहीं मानते। उनका मानना है कि ऊंटों को बेहतर खुराक देने से उनका स्टेमिना और स्वास्थ्य दोनों सुधरते हैं। यह खासकर ऊंट दौड़ के लिए महत्वपूर्ण है, जहां ऊंट 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ते हैं।

फेस्टिवल में ऊंटों को प्रदर्शित करते हैं मालिक

कैमल फेस्टिवल न केवल ऊंटों के लिए खास अवसर है, बल्कि यह ऊंट पालकों के लिए भी गर्व का विषय है। सैकड़ों ऊंट पालक इस फेस्टिवल में अपने ऊंटों को प्रदर्शित करते हैं। यह आयोजन ऊंटों की परंपरागत छवि को बदलते हुए उन्हें नई पहचान देने का काम कर रहा है।

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