बीकानेर के मेल नर्स ने की इंसानियत शर्मसार: खुद को ही मरा साबित करना पड़ा

Published : Aug 17, 2025, 04:24 PM IST
Bikaner Fake Death Certificate Case

सार

Insurance Fraud Bikaner : बीकानेर में मेल नर्स ने 50 लाख की पॉलिसी के लिए खुद को मृत घोषित कर दिया। नकली अंतिम संस्कार रसीद और फर्जी डेथ सर्टिफिकेट लेकर क्लेम किया, लेकिन जांच में वह जिंदा मिला। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

Bikaner Fake Death Certificate Case : कहते हैं लालच इंसान को अंधा बना देता है, लेकिन बीकानेर में सामने आया मामला इस कहावत से भी आगे निकल गया। यहां एक मेल नर्स ने 50 लाख रुपये की इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम लेने के लिए खुद को ‘मरा हुआ’ घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, उसने अपने ही अंतिम संस्कार की नकली रसीद बनवाकर नगर निगम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) तक जारी करा लिया।

इंश्योरेंस कंपनी ने ऐसे लगाया सच का पता

पुलिस के अनुसार, श्रीगंगानगर निवासी मांगीलाल ज्याणी (29) ने अगस्त 2023 में 50 लाख का टर्म इंश्योरेंस लिया था। इसके लिए उसे हर महीने सिर्फ 1221 रुपये की किस्त भरनी थी। योजना बड़ी चालाकी से बनाई गई—सिर्फ दो किश्तें भरने के बाद अक्टूबर 2023 में उसने खुद के हार्ट अटैक से मरने की कहानी गढ़ी और क्लेम दाखिल कर दिया।

शाहरुख के साथ मिलकर बनाया धांसू प्लान

इंश्योरेंस क्लेम के लिए मांगीलाल ने अपने दोस्त शाहरुख उर्फ सन्नी को भी शामिल कर लिया। सन्नी ने पवन नाम से फर्जी बैंक खाता खोला और नकली आधार, पैन और जन आधार कार्ड तक तैयार करवा लिए। उसे इंश्योरेंस का नॉमिनी भी बना दिया गया। इसी सिलसिले में श्मशान घाट से फर्जी रसीद तैयार कराई गई और बीकानेर नगर निगम से मौत का प्रमाण पत्र निकलवाया गया।

कंपनी की जांच में खुली पोल

जैसे ही इंश्योरेंस कंपनी को कागजों पर शक हुआ, उसने गहन जांच शुरू की। जब अधिकारियों ने मांगीलाल के पते पर जाकर पूछताछ की तो पता चला कि जनाब तो बिल्कुल सही-सलामत घर पर मौजूद हैं। बस फिर क्या था, बीकानेर की जय नारायण व्यास कॉलोनी थाना पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।

बीकानेर पुलिस ने सामने ला दी सारी सच्चाई

एसआई देवेंद्र सोनी ने बताया कि आरोपी ने पैसों के लालच में मरने का नाटक रचा और पूरे नेटवर्क के जरिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए। पुलिस अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि डेथ सर्टिफिकेट और अन्य कागजात किन लोगों की मिलीभगत से बनाए गए।

मौत को भी मजाक बना देने वाला केस

50 लाख रुपये के लालच में कानून, दस्तावेज और यहां तक कि मौत को भी मजाक बना देने वाला यह मामला न सिर्फ को चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करता है कि आखिर किस तरह सरकारी दस्तावेज इतने आसानी से फर्जी बनाए जा सकते हैं। फिलहाल आरोपी मांगीलाल और उसके साथी सलाखों के पीछे हैं और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।

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