राजस्थान में कितना सफल रहा BJP का यूपी मॉडल: जिन संतों को टिकट दिया जानिए उनका क्या है हाल

3 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा के परिणाम आएंगे, पत चल जाएगा कि आखिर जनता ने किसे सरकार बनाने के लिए वोट दिया है। लेकॆिन सियासी गलियारों में कई दावे किए जा रहे हैं। वहीं बीजेपी ने यूपी की तर्ज पर राजस्थान में कई बाबाओं को चुनाव में उतारा है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 27, 2023 8:55 AM IST

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान पूरा हो चुका है। सभी जिला मुख्यालय पर बनाए गए स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीनों को रखा गया है। अब राजस्थान में इंतजार है तो केवल 3 दिसंबर का जब इस चुनाव के मतदान के नतीजे जनता के सामने आएंगे। अब रिजल्ट आने में भले ही समय लग रहा हो लेकिन राजस्थान में इस बार चर्चा भाजपा के यूपी मॉडल की है।

योगी की तरह ये तीन बाबा मैदान में...

उत्तर प्रदेश में जिस तरह योगी आदित्यनाथ को आगे लाया गया वहीं राजस्थान में इस चुनाव में तिजारा से बाबा बालकनाथ, हवामहल सीट से बालमुकुंद आचार्य और पोकरण से महंत प्रतापपुरी को मैदान में उतारा। भाजपा द्वारा यह प्रत्याशी उतारने के बाद इन चुनाव में इन सीटों पर बड़ा बदलाव देखने को मिला। यहां पिछले सालों की तुलना में मतदान का प्रतिशत चार से पांच प्रतिशत बढ़ा है।

तीनों संतों की सीटों का मतदान ब्यौरा

बात करें यदि तिजारा विधानसभा की तो यहां इस बार 86.11, पोकरण में 87.79 और हवामहल सीट पर करीब 76 प्रतिशत तक मतदान हुआ है। इन सभी सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में करीब चार से पांच प्रतिशत तक मतदान बड़ा है।

मतदान प्रतिशत कम-ज्यादा से किसे फायदा किसे नुकसान

राजनीतिक जानकारों और विशेषज्ञों के अनुसार यदि किसी विधानसभा सीट पर मतदान का प्रतिशत बढ़ता है तो इसका मतलब वहां मौजूदा जनप्रतिनिधि के खिलाफ विरोध माना जाता है। हालांकि हो सकता है कि इस बार जागरूकता के चलते ज्यादा लोग मतदान करने के लिए आए हो। फिलहाल 3 दिसंबर को ही तय होगा कि आखिर बढ़ा हुआ मतदान किसके पक्ष में हुआ।

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