
सीकर (राजस्थान). आपने यह तो सुना होगा कि सेना में काम करने वाला सैनिक परिवार में शादी होने पर या फिर कोई मौत होने पर छुट्टी लेकर नौकरी से आता है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि किसी गाय के मरने पर कोई सैनिक छुट्टी लेकर आए केवल इतना ही नहीं उस गाय का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से किया जाए और उसकी अंतिम यात्रा भी बैंड बाजे के साथ निकाली जाए।
सीकर के श्रीमाधोपुर से सामने आया अनोखा नजारा
सुनने में यह बेहद अजीब लगता हो। लेकिन राजस्थान में ऐसा हकीकत में हुआ है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर इलाके के झाड़ली गांव का है। जहां बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के हवलदार रामवतार सिंह के परिवार के लोग पिछले कई सालों से गाय पाल रहे थे।हाल ही में गाय की बीमारी से मौत हो गई। जब इस बात की खबर परिवार वालों ने सैनिक को दी तो उन्होंने न ताव देखा ना आव।
गाय की मौत ड्यूटी से छुट्टी लेकर आया बीएसएफ का जवान
रामवतार उस समय इंदौर कैंप में थे। उन्होंने तुरंत अधिकारियों से छुट्टी ली और इसके बाद फ्लाइट के जरिए राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंचे। यहां से करीब 2 घंटे का सफर तय कर वह अपने गांव आए। इंदौर से रवाना होने से पहले ही सैनिक ने परिवार वालों को फोन कर दिया कि गाय का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से होगा। ऐसे में अंतिम यात्रा के लिए बैंड मंगाया गया इसके अलावा अंतिम संस्कार के पहले पंडित ने पूजा करवाई इसके बाद जेसीबी से गाय को श्मशान ले जाया गया।
जवान ने गाय को कभी जानवर नहीं माना
इस बारे में सैनिक का कहना है कि उन्होंने कभी भी गाय को यह नहीं माना कि वह एक कोई जानवर है बल्कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्य की तरह ही गाय को माना जिसके बाद उनका गाय से लगातार बढ़ता गया।
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